वाह री मुखानी पुलिस – एससी महिला के घर में घुसकर मारपीट, उत्पीड़न के मामले में कोर्ट की फटकार के बाद भी कार्यवाही नही

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पूर्व सीओ के खिलाफ भी कोर्ट ने लापरवाही के लिए मुकदमा के आदेश हुए थे पारित

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हल्द्वानी skt.com

उत्तराखंड मित्र पुलिस को जनता की मित्र पुलिस ने कहकर अब अपराधियो और आरोपियों की मित्र कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी क्योंकि हल्द्वानी पुलिस जो की नैनीताल पुलिस की शान कही जाती है ने अपने ऐसे कारनामे जनता के सामने रखे है की जनता पुलिस पर भरोसा करना ही भूल गई है ऐसा ही एक मामला मुखानी थाने अंतर्गत पनियाली का है जहां पीड़िता प्रमिला देवी के साथ आरटीओ रोड निवासी गिरीश तिवारी के द्वारा उसके घर में घुसकर मारपीट ही नहीं की बल्कि उसके साथ जाति सूचक शब्दों का प्रयोग कर उसे बालों के बल घर से बाहर खींचा ।

प्रत्यक्षदर्शी लोगों की मौजूदगी में जब लोगों ने पुलिस को फोन किया तो भी पुलिस नहीं पहुंची और मौजूद लोगों ने किसी तरह से उसे वहां से बाहर निकलवाया।

लिखित शिकायत देने के बावजूद पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की मजबूरन पीड़िता को न्यायालय की शरण में जाना पड़ा । न्यायालय ने पूरे मामले को सुनते हुए मुखानी पुलिस को तत्काल एससी एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया वहीं इस पूरे मामले में जांच कर रहे को तत्कालीन भूपेंद्र सिंह के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए थे ।

पुलिस ने कोर्ट के आदेश के बाद बमुश्किल पीड़िता की रिपोर्ट लिखी लेकिन रिपोर्ट लिखने के बाद भी आरोपी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है । एससी एसटी एक्ट के तहत पूर्व में दी गई शिकायत में ही मामला दर्ज करने के बाद आरोपी की गिरफ्तारी होनी थी लेकिन पुलिस पीड़ित के बजाय प्रताड़ित करने वाले के साथ ज्यादा दिखाई दी।

जिसकी वजह कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब कोर्ट के आदेश के बाद जब एफआईआर लिखी गई उसके बाद अभी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। यह समझ आता है कि प्रार्थिनी के साथ वर्ष 2023 में यह घटना घटी उसके बाद उसने मुखानी थाने में शिकायती पत्र देकर मुकदमा दर्ज करने की मांग की लेकिन पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया उसके बाद मजबूरन पीड़िता कोर्ट की शरण में गई। 10 जून 2024 कोर्ट के आदेश के बाद अब 22 मई को पुलिस ने एफआईआर लिखी है तो आरोपी की अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई है पीड़िता को न्याय के लिए कितना संघर्ष करना पड़ा है और पुलिस में किस बेदर्दी से पीड़िता के साथ व्यवहार किया है। बिना कोर्ट में गए इसकी शिकायत पर कार्यवाही नहीं की गई यह देखा जा सकता है