Woolen Sweater Allergy: ऊनी स्वेटर पहनने से स्किन पर होती है एलर्जी?, कहीं आपकों भी ये बीमारी तो नहीं? जानें बचाव के तरीके

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Woolen Sweater Allergy Textile Dermatitis

सर्दियों का मौसम आ गया है। ठंड से बचने के लिए लोग ऊनी स्वेटर और जैकेट पहनते हैं। नए-नए डिजाइन और अलग-अलग कलर के फैशनेबल कपड़े (Woolen Clothes) मार्केट में मौजूद हैं। हालांकि कुछ लोगों को स्किन पर गर्म कपड़े पहनने के बाद रैशेज (Woolen Sweater Allergy) हो जाते हैं। अगर आपको भी इस तरह की समस्या है तो आपको ये बीमारी हो सकती है। चलिए विस्तार से इस बीमारी के बारे में जानते है।

स्वेटर और जैकेट पर स्किन से होती है एलर्जी? (Woolen Sweater Allergy)

सर्दियों में ठंड से बचने के लिए स्वेटर पहनने पर अगर आप को भी स्कीन पर रैशेज आ जाते हैं तो आपको टेक्सटाइल डर्मिटाइटिस (Textile Dermatitis) हो सकती है। आसान भाषा में समझे तो कपड़ों में लगे फाइबर आपकी त्वचा (Skin) के साथ रिएक्ट कर रहे हैं। कपड़ों को बनाने में केमिकल्स, डाई और रेजिंग शामिल होती है। जिसकी वजह से भी ये हो सकता है। इसको वुलेन एलर्जी के नाम से भी जाना जाता है। चलिए इसके साइड इफेक्ट्स के बारे में भी जान लेते है।

वूलेन कपड़ों से इन लोगों को परेशानी!

जिन लोगों की स्किन सेंसेटिव होती है। उन्हें ठंड के मौसम में ऊनी कपड़े पहनने में ज्यादा परेशानी होती है। बार-बार उन्हें इचिंग होती है। साथ ही लाल-लाल दाने और स्किन में चकत्ते बन जाते हैं। ऐसा स्किन में ऊनी कपड़ों का फाइबर से रगड़ खाने से होता है। जिसके चलते स्किन में इंफ्लैमेशन होता है।

क्या होता है टेक्सटाइल डर्मिटाइटिस? (What is Textile Dermatitis)

हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, हमारी स्किन में एपीडर्मिस और डर्मल नाम की दो लेयर होती हैं। ऊपरी लेयर को एपीडर्मिस कहते है। तो वहीं डर्मिस लेयर (Dermis Layer) एपीडर्मिस और हाइपोडर्मिस के बीच होती है। ये लेयर स्कीन को प्रोटेक्ट करने के लिए होती है। ये फाइबर जैसी होती है। इसमें इलास्टिक टिश्यूज, ग्लैंड्स, कोलाजन (एक तरह का प्रोटीन) और हेयर फॉलिकल्स मौजूद होते हैं।

इसी लेयर में ब्लड कैपिलरीज भी मौजूद रहती है। जिसको प्रोटेक्ट करने के लिए एपीडर्मल लेयर होती है। डर्मल लेयर पर सूजन आने को डर्मिटाइटिस कहा जाता है। अगर ऊनी कपड़े पहनने पर रैशेज होते है तो इसका मतलब है कि आपकी स्कीन की डर्मिस लेयर डेमैज हो गई है। इससे अन्य समस्याओं को भी बढ़ावा मिल सकता है।

बचने के लिए क्या करें? (Textile Dermatitis Prevention)

  1. वूलन कपड़ों को पहनने से पहले अंदर से कॉटन या सॉफ्ट फाइबर के कपड़े पहनें।
  2. पुराने वूलन कपड़ों को धूम में सुखाकर और ड्राई क्लीन कर ही पहनें।
  3. गरम कपड़ों का फाइबर चेक करने के बाद ही पहने।
  4. साबुन का PH जहां आठ होता है तो वहीं स्कीन का पांच होता है। इसलिए साबुन ना लगाए तो ही बेहतर।