कोविड के डर से 10 साल के बेटे संग 3 साल तक घर में कैद रही महिला
गुरुग्राम में कोविड से खौफजदा मां ने बच्चे और खुद को तीन साल तक कमरे में कैद रखा. महिला के पति ने इस बारे में जिला प्रशासन को जानकारी दी. इसके बाद मंगलवार शाम जिला प्रशासन की टीमों ने दिमागी रूप से परेशान मां और उसके बेटे को रेस्क्यू किया.
बताया जा रहा है कि जब बच्चे की उम्र 7 साल थी, तभी से बच्चे और उसकी मां ने सूरज की किरण नहीं देखी. अधिकारियों ने बच्चे और मां दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया है. कमरे में तीन साल से जमा कूड़ा-कचरा देख अधिकारी दंग रह गए. इस समय बच्चे की उम्र 10 साल है और उसकी मां करीब 40 साल की है.
जानकारी के अनुसार, यह मामला गुरुग्राम के सेक्टर 29 पुलिस थाने की चकरपुर चौकी इलाके का है. पुलिस का कहना है कि महिला के पति ने जानकारी दी थी कि उसकी पत्नी मानसिक तौर पर बीमार है. उसने 10 साल के बेटे को 3 साल से कमरे में कैद कर रखा है.
इसके बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए मंगलवार दोपहर चाइल्ड वेलफेयर टीम के साथ चकरपुर इलाके में पुलिस पहुंची और मासूम और उसकी मां को रेस्क्यू कर अस्पताल में भर्ती करवाया.
गुरुग्राम के सीएमओ वीरेंद्र यादव ने बताया कि कोविड के डर से मां और उसके दस साल के बेटे ने तीन साल से सूरज की रोशनी तक नहीं देखी है. उसके कमरे में तीन साल से जमा हो रहा कचरा बिखरा पड़ा था. महिला अब भी डर रही थी कि बाहर निकलने पर उन्हें कोविड हो जाएगा.
कोरोना की पहली लहर में कमरे में कैद हो गया था परिवार
बताया जा रहा है कि कोरोना की पहली लहर में इस परिवार ने खुद को कमरे में कैद कर लिया था, लेकिन जब दूसरी लहर आने से पहले पति काम पर जाने के लिए बाहर निकला तो महिला ने पति की एंट्री को घर में बैन कर दिया. उसे डर था कि पति बाहर से कोरोना संक्रमित होकर न आ जाए और उन्हें भी संक्रमित कर दे. इसके बाद महिला का पति बीते डेढ़ साल से चकरपुर में किराए के कमरे में रहने लगा.
‘पत्नी का व्यवहार देख लगा, मानसिक रूप से परेशान है’
बताया जा रहा है कि पत्नी के व्यवहार से पति समझ चुका था कि उसकी पत्नी मानसिक तौर पर परेशान है. इस मामले को लेकर वह पुलिस के पास गया, लेकिन पुलिस ने बिना किसी तफ्तीश के घरेलू मामला कहकर लौटा दिया. इसके बाद वह रविवार को फिर चकरपुर चौकी पहुंचा. चौकी में परवीन नाम के पुलिसकर्मी ने जब उसकी बात सुनी और वीडियो कॉल पर पीड़ित के बेटे से बात की तो वह दंग रह गया.
पुलिसकर्मी परवीन ने टीम के साथ किया रेस्क्यू
पुलिसकर्मी परवीन सोमवार को रेस्क्यू करने चकरपुर में स्थित मकान में पहुंचे, लेकिन महिला ने धमकी दी कि अगर जबरदस्ती की तो बच्चे को मार दूंगी. इसके बाद मंगलवार को चाइल्ड वेलफेयर की टीम के साथ दोबारा मौके पर पहुंचकर दोनों को रेस्क्यू किया.
सिलेंडर खत्म होने पर इंडक्शन पर तीन साल तक बनाया खाना
अधिकारियों का कहना है कि जब महिला के घर में सिलेंडर खत्म हो गया तो उसने इंडक्शन पर खाना बनाना शुरू कर दिया. वह अपने और बच्चे के लिए इसी तरह तीन साल से खाना बनाती रही. अब रेस्क्यू के बाद मां-बेटे को डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है, जहां उनके स्वास्थ्य से जुड़े टेस्ट किए जा रहे हैं. टेस्ट रिपोर्ट आने के बाद स्वास्थ्य की जानकारी सामने आ पाएगी.
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