सेंट्रल जू अथॉरिटी के नोटिस से वन विभाग में हड़कंप जांच हुई तो नव सकते हैं कई प्रमुख अफसर

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देहरादून एसकेडी डॉट कॉम

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कार्बेट टाइगर रिजर्व के पाखरो रेंज में टाइगर सफारी निर्माण कार्यों में केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के अधीन सेंट्रल जू अथॉरिटी की टीम ने जो रिपोर्ट तैयार की है उससे वन विभाग के कई अफसरों की गर्दन फसना तय है। केंद्रीय पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अधीन कार्यरत केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण की टीम ने उत्तराखंड के मुख्य सचिव को नोटिस जारी किया है जिसके बाद शासन में खलबली मची हुई है

मुख्य सचिव के निर्देश पर वन विभाग ने इस मामले में आरोपित तीन अफसरों को नोटिस जारी कर दिया गया है उन्हें 15 दिन में जवाब देने को कहा गया है हालांकि अभी जांच शुरू नहीं हुई है लेकिन अगर जांच शुरू हुई तो निश्चित रूप से तीन प्रमुख अफसरों के इसमें सम्मिलित होने की बात सामने आ रही है जिसके बाद इन पर कार्रवाई होनी तय है।

मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक डॉ पराग मधुकर भगाते ने बताया कि केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण के नोटिस के बाद उन अफसरों को नोटिस भेजा गया है जो उस समय इन सभी कार्यों के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार थे।

केंद्रीय चिड़ियाघर चिड़ियाघर प्राधिकरण ने इस मामले में वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 55 (ए ए) के तहत संज्ञान में लिया है कि गुर्जर स्रोत पाखरू ब्लॉक सोना नदी रेंज कालागढ़ डिवीजन कार्बेट टाइगर रिजर्व में टाइगर सफारी निर्माण में भारी अनियमितता बरती गई है निर्माण में निर्धारित शर्तों का अनुपालन नहीं किया गया है। उत्तराखंड शासन को सेंट्रल जू अथॉरिटी ने साफ तौर पर कहा है कि सफारी के अंतिम मास्टर लेआउट प्लान को चिड़ियाघर प्राधिकरण से अनुमोदित नहीं कराया गया है और ना ही वहां बाग के बालों के लिए विशेष डिजाइन की अनुमति ली गई है। इस पूरे मामले में तत्कालीन कार्बेट पार्क निदेशक राहुल टाइगर सफारी निर्माण कार्य से जुड़े तत्कालीन डीएफओ किशनचंद और अखिलेश तिवारी को नोटिस जारी किया गया है।