आखिर युवाओं को सोशल डिजिटल मीडिया का सहारा क्यों लेना पडा,धामी सरकार से क्या है नाराजगी! #youth#demand#cbi, #bobypawar#cm#dhami

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हल्द्वानी एसकेटी डॉट कॉम

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परीक्षाओं के लीक होने के बाद इस पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे तो जिस तरह से उनके खिलाफ बल प्रयोग किया गया और कुछ अराजक तत्वों द्वारा इस भीड़ में जैसा कि पुलिस ने बताया कि वह शामिल हैं द्वारा पुलिस के खिलाफ पथराव किया गया के बाद जब स्थिति बिगड़ी तो पुलिस ने आंदोलनकारी छात्रों को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया और उनके खिलाफ 307 जैसे संगीन धाराएं भी लगाई गई.

इसके बाद कोर्ट के हस्तक्षेप से इन धाराओं को हटाया गया लेकिन बॉबी पवार समेत उनके १३ साथियों सशर्त जमानत दी गई कि वह किसी भी तरह के उग्र आंदोलन में भागीदारी नहीं करेंगे इसके बाद युवाओं को ऐसे लगा कि उनका विरोध करने का फंडामेंटल अधिकार सरकार ने लगभग जब्त कर लिया है तो इसके बाद अब छात्रों ने सोशल डिजिटल मीडिया को हथियार के रूप में बनाकर अपनी बातें इसके माध्यम से अपने साथी छात्रों और और हम जनमानस के बीच लाने के लिए सोशल डिजिटल मीडिया को अपने अधिकारों की रक्षा के लिए ऐसे हथियार बनाना शुरू कर दिया.

सोशल मीडिया द्वारा जिस तरह से आंदोलन के दौरान छात्रों की बातें कुछ ही मिनट में सैकड़ों और लाखों लोगों तक पहुंच गई उसके बाद कई बार पुलिस को भी बैकफुट पर आना पड़ा और डीजीपी और एसएसपी समेत कई लोगों को अपने कमेंट रिमूव करने पड़े.

सोशल मीडिया के माध्यम से हर रोज शाम को 5:00 से 7:00 के बीच अपनी सारी बातें एक दूसरे से शेयर करने और उत्तराखंड के जनमानस के बीच जाने के लिए इस पर काम करना शुरू कर दिया है जिससे उनकी बात सभी प्रकार के प्लेटफार्म जैसे ट्विटर फेसबुक व्हाट्सएप इंस्टाग्राम मीडिया के माध्यम से एक से अधिक लोगों तक पहुंच सके.

युवा अभी भी अडिग है कि प्रदेश की पूर्व की सभी भर्ती परीक्षाओं की सीबीआई जांच हो ।
बताते चलें कि उत्तराखंड बेरोजगार संघ व उत्तराखंड युवा एकता मंच ने अपने ऑफिशल टि्वटर फेसबुक सहित तमाम सोशल मीडिया हैंडल्स पर वर्तमान में उत्तराखंड सरकार वह केंद्र में भाजपा सरकार की मंशा में असमंजस की स्थिति पर व्यंग करते हुए अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री की वीडियो पोस्ट की है जहां सीधा सवाल यह पूछा गया है कि क्या अरुणाचल प्रदेश में सारी भर्तियां सीबीआई जांच के कारण रुक चुकी हैं ?


वहीं राजस्थान में रीट पेपर लीक में भाजयुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजेश्वर सूर्या भी सीबीआई जांच की मांग को लेकर युवाओं के साथ खड़े नजर आ रहे हैं तो वहीं भाजपा के प्रदेश प्रभारी सहित तमाम लोग राजस्थान में सीबीआई जांच की मांग करते नजर आ रहे थे ।


इसके अतिरिक्त हाल ही में हिमांचल में हुए पेपर ली प्रकरण में भी सीबीआई जांच के आदेश दे दिए गए हैं ।
तो ऐसे में युवाओं का स्पष्ट है यह मानना है कि क्या भाजपा के मंडल अध्यक्ष का नाम व उसके पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के करीबी होने की वजह से सरकार सीबीआई जांच कराने से बच रही है.

वह सरकार द्वारा बार-बार यह कहना कि सारी भर्ती परीक्षाओं के बाद सीबीआई जांच होगी, क्या सबूत मिटाने का तरीका तो नहीं .
ऐसे में युवाओं ने स्पष्ट रूप में सवाल सरकार की नियत पर किए हैं कि अगर सरकार सच में युवा हितैषी है व युवा सरकार है तो सीबीआई जांच क्यों नहीं की जा रही।