आखिर क्यों गवर्नर कोश्यारी को भाषण अधूरा छोड़ कर जाना पड़ा क्या थी वजह!
मुंबई एसकेटी डॉट कॉम
महाराष्ट्र के राज्यपाल महामहिम भगत सिंह कोश्यारी इन दिनों सदन और सदन के बाहर विरोध झेल रहे हैं। अपने एक विवादास्पद बयान के चलते उन्हें सदन के अंदर अपने अभिभाषण के दौरान विधायकों का भारी विरोध झेलना पड़ा जिसकी वजह से उन्हें अपना आधा पढ़कर ही छोड़ना पड़ा। महाराष्ट्र विधानसभा का सत्र चल रहा है और इसके पहले दिन अपने अभिभाषण के दौरान उन्हें महाराष्ट्र विकास अघड़ी के विधायकों का भारी विरोध झेलना पड़ा विधायकों ने उनके भाषण के दौरान लगातार उनके खिलाफ नारेबाजी की तथा महाराष्ट्र विकास अघाड़ी के एक विधायक ने सदन के अंदर ही उनके विरोध में शीर्षासन करके खड़े हो गए। जलगांव में अपने विरोध को बढ़ता देख उन्होंने पत्रकारों के सामने कहा कि उन्हें यह मालूम था कि शिवाजी महाराज के गुरु समर्थ दास थे की शिक्षा के बदौलत शिवाजी इतनी आगे तक पहुंचकर उन्होंने राज्य किया लेकिन उनके समक्ष अब कुछ नए तथ्य रखे हुए हैं जिनका वह अध्ययन करेंगे।
इससे पहले भगत सिंह कोश्यारी को राज्य भर में भी विरोध का सामना करना पड़ा था. राज्य के कई जगहों पर उनके खिलाफ प्रदर्शन हुए. राज्यपाल ने एक कार्यक्रम में कहा था कि अगर गुरु समर्थ रामदास स्वामी नहीं होते तो आज छत्रपति शिवाजी को कौन पूछता?
महाराष्ट्र विधानसभा के सत्र की आज गुरुवार से शुरुआत हो गई. सत्र के पहले दिन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को महा विकास अघाडी (MVA) के विधायकों के विरोध का सामना करना पड़ा. राज्यपाल कोश्यारी जब सदन को संबोधित कर रहे थे तो MVA के विधायक नारेबाजी करने लगे, जिसके कारण भगत सिंह कोश्यारी को बीच में ही अपना भाषण छोड़कर जाना पड़ा।
MVA के विधायकों का विरोध सदन के बाहर भी जारी रहा. एनसीपी विधायक संजय दौंड ने विरोध में ‘शीर्षासन’ किया. राज्यपाल ने हाल ही में छत्रपति शिवाजी महाराज पर कथित रूप से विवादास्पद बयान दिया था. MVA के विधायक सदन में और सदन के बाहर उनके बयान का विरोध कर रहे थे.।
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