ताबड़तोड़ गिरफ्तारियों के बाद आखिरकार आरोपियों को क्यों मिल रही जमानत ?
आखिरकार उत्तराखंड पुलिस ने पेपर लीक मामले में जैसे-जैसे ताबड़तोड़ गिरफ्तारियों की थी वैसे ही अब ताबड़तोड तरीके से आरोपियों को कोर्ट से जमानत भी दी जा रही हैं। इस तरह से आरोपियों को जमानत मिलना बेरोजगार युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ साबित हो रहा है। इस बात से तो यही लगता है कि उत्तराखंड सरकार के इस मामले में किए गए सारे फैसले आधे अधूरे रहे गए। ऐसे में जो इस मामले के मुख्य आरोपी हैं वो भी जल्द बाहर आ जायेंगे। उन बेरोजगार युवाओं का क्या होगा जो रोजगार की तलाश में सरकारी भर्तियों का इंतजार कर रहे हैं।
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) के पेपर लीक मामले में गिरफ्तार 9 आरोपियों को जमानत मिल गई है। गिरफ्तार किए गए 14 आरोपियों की जमानत याचिका पर आज कोर्ट में सुनवाई हुई। जिसमें 14 आरोपियों में से 9 आरोपियों को ज़मानत दे दी गई, जबकि पांच अन्य आरोपियों की जमानत याचिका खारिज हो गई। इस मामले में एसटीएफ ने कुल 41 आरोपितों को गिरफ्तार किया था।
यूकेएसएसएससी के पेपर लीक मामले में गिरफ्तार 9 आरोपियों को जमानत मिल गई है। गिरफ्तार किए गए 14 आरोपियों की जमानत याचिका पर आज कोर्ट में सुनवाई हुई। जिसमें 14 आरोपियों में से 9 आरोपियों को ज़मानत दे दी गई, जबकि पांच अन्य आरोपियों की जमानत याचिका खारिज हो गई। आज अपर जिला जज आशुतोष शर्मा ने कोर्ट में सुनवाई की। जिन आरोपियों को जमानत मिली है उनमें सूर्यवीर सिंह चौहान, कुलबीर सिंह, अंबरीश कुमार, राजवीर, दीपक चौहान, अजीत चौहान, विनोद जोशी, चंदन मनराल, जगदीश गोस्वामी को एक लाख के निजी मुचलके पर जमानत दी गई है। साथ ही जमानत मिलने वाले आरोपियों को देश छोड़ने की इजाजत नहीं। जिन सभी आरोपियों को जमानत दी गई है उनके पास से कोई धन राजकीय दस्तावेज बरामद नहीं हुए हैं।
वहीं जिन आरोपियों के पास से कागजात और नगदी बरामद हुई थी, और उनके ऊपर पेपर लीक केस मामले में पिछले दिनों एसटीएफ ने 409 जैसी धाराएं भी बढ़ाई थी जिसकी वजह से भी उनकी जमानत याचिका खारिज हुई है। जिन आरोपियों को जमानत नहीं मिली उनमें अमित सक्सेना, अभिषेक वर्मा, ललित राज शर्मा, विपिन बिहारी और तनुज शर्मा शामिल हैं। कोर्ट से अब तक 17 आरोपियों को जमानत मिल चुकी है। इससे पहले 8 आरोपियों को जमानत मिली थी, जबकि कल 9 आरोपियों को मिली है। अब तक कुल 17 आरोपियों को जमानत मिल चुकी।
आखिरकार उत्तराखंड पुलिस ने पेपर लीक मामले में जैसे-जैसे ताबड़तोड़ गिरफ्तारियों की थी वैसे ही अब ताबड़तोड तरीके से आरोपियों को जमानत भी दी जा रही हैं। इस तरह से आरोपियों को जमानत मिलना युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ साबित होगा। इन सभी आरोपियों से पैसे की रिकवरी न होने को जमानत का आधार माना जा रहा है। अगर जांच अधिकारियों की बात की जाए तो उनका कहना है कि इतने पुराने मामले में रिकवरी करना बड़ा मुश्किल काम है। गलत तरीके से कमाएं पैसों से आरोपियों ने अब तक संपत्तियां अर्जित कर ली होगीं। यही कारण है कि इनके खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई की गई है। गैंगस्टर एक्ट में संपत्तियों को जब्त करने का प्रावधान भी है
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