कौन हैं भारतवंशी Kash Patel?, जिन्हें डोनाल्ड ट्रंप ने सौंपी FBI चीफ की जिम्मेदारी

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Who is kash_patel fbi chief in donald trump government

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हाल ही में डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने अपने भारतीय मूल के ‘दोस्‍त’ काश पटेल को FBI का डायरेक्टर(FBI Chief Kash Patel) बनाने की घोषणा की थी। ट्रंप दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति बने है। ऐसे में उनके दूसरे कार्यकाल के लिए कई भारतवंशियों को प्रशासन में मुख्य जिम्मेदारी दी गई है। इसी लिस्ट में भारतीय-अमेरिकी पेंटागन अधिकारी काश पटेल भी शामिल हो गए है। नई सरकार के कार्यकाल के साथ 20 जनवरी 2025 को वो इस पद को संभालेंगे।

भारतवंशी Kash Patel बने FBI के डायरेक्टर (FBI Chief Kash Patel)

काश पटेल को ट्रंप के विश्‍वासपात्र लोगों में से एक माना जाता है। ट्रंप के पहले कार्यकाल में भी उनकी अहम भूमिका थी। ट्रंप ने प्‍लेटफॉर्म एक्‍स पर लिखा, “मुझे यह घोषणा करते हुए गर्व हो रहा है कि कश्यप ‘काश’ FBI के अगले निदेशक के रूप में काम करेंगे. काश एक शानदार वकील, इंवेस्टिगेटर और ‘अमेरिका फर्स्ट’ वॉरियर हैं, जिन्होंने अपना करियर भ्रष्टाचार को उजागर करने, न्याय की रक्षा करने और अमेरिकी लोगों की रक्षा करने में बिताया है।”

कौन है काश पटेल? (Who is Kash Patel)

बात दें कि काश पटेल का पूरा नाम कश्यप पटेल है। उनके माता-पिता युगांडा में रहे। साल 1970 में उनके पिता अमेरिका आ गए थे। साल 1980 में न्यूयॉर्क के गार्डन सिटी में काश पटेल का जन्‍म  गुजराती अप्रवासी परिवार में हुआ। मूल रूप से उनका परिवार गुजरात के वडोदरा के रहने वाले है। काश ब्रिटेन में यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन फैकल्टी ऑफ लॉज से अंतरराष्‍ट्रीय कानून में सर्टिफिकेट भी ले चुके है। इसके साथ ही उन्होंने कार्यवाहक रक्षा सचिव क्रिस्टोफर मिलर के पूर्व चीफ ऑफ स्टाफ के तौर पर भी काम किया। इससे पहले काश ने उप सहायक और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में आतंकवाद निरोध के वरिष्ठ निदेशक के रूप में भी काम किया।

काश के पास ISIS, अल-बगदादी आदि से निपटने की एक्‍सपर्टीज

काश पटेल को डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल में भी अहम जिम्मेदारियां दी गई थी। उस समय उन्होंने ISIS, अल-बगदादी और कासिम अल-रिमी आदि के लिए काल बने थे। उन्होंने इन अल-कायदा नेताओं को खत्म करने में अपना योगदान दिया था। यहीं से वो ट्रंप के फेवरेट बन गए। इसके साथ ही काश ने अमेरिकी बंधकों को घर वापस लाने में अहम भूमिका निभाई थी। इसके साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और वरिष्ठ वकील के रूप में इंटेलिजेंस पर हाउस परमानेंट सेलेक्ट कमेटी के लिए काम किया था