जब टाइल लगाने वाला सलमान एसटीएच मे बन गया सर्जन
हलद्वानी एसकेटी डॉट कॉम
सुशीला तिवारी अस्पताल में उस समय बड़ी नाटकीय परिस्थिति बन गई जब लामाचौड क्षेत्र से एक मरीज अपने लिंग में नल पर लगने वाला छल्ला लगाकर अस्पताल पहुंचा जो कि निकल नहीं रहा था।
लिंग में सूजन होने की वजह से अब वह छल्ला फस गया था जिसकी वजह से उसकी जान आफत मे आ गई।
इमरजेंसी में भर्ती करने के बाद जब जूनियर डॉक्टरों ने उसे निकालने का प्रयास किया तो वह अपने प्रयास में सफल नहीं हो पाए। उन्होंने छल्ले को हेक्सा ब्लेड से काटने का प्रयास किया ।लिंग को सुन्न करने तथा ओईनमेन्ट लगाने के बाद भी मरीज तड़प रहा था इसी बीच मरीज के जानने वाले कुछ लोग वहां पहुंचे तो उन्होंने उसे ढाढ़स बढ़ाया और इस मामले में उन्होंने इसकी सूचना तुरंत तुरंत जनसंपर्क अधिकारी आलोक उप्रेती और मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ अरुण जोशी को दी। मरीज की जान आफत में होने की वजह से और डॉक्टर अरुण अरुण जोशी से संपर्क किया तो उन्होंनेने वरिष्ठ डॉक्टरों को मरीज को देखने का निर्देश दिया।
इसके बाद यूरोलॉजी ऑपरेशन थिएटर में डॉक्टर लक्ष्मण पाल के सम्मुख यह केस गया। लेकिन नल पर लगने वाला यहां छल्ला निकलने का नाम नहीं ले रहा था इस बीच उन्होंने मरीज के तीमारदारों से छल्ला काटने की कोई मशीन लाने को कहा ।अस्पताल में इस टाइप की कोई कटर मशीन नहीं होने की वजह से फिर टाइल लगाने वाले से संपर्क किया गया और टाइल लगाने वाले सलमान को वहां बुलाया गया।
टाइल काटने व वाली मशीन पर छोटी कटर लगाने के बाद सलमान को सैनिटाइज किया गया और उसे गाउन पहना कर ऑपरेशन थिएटर में ले जाया गया जहां उसने डॉक्टर के निर्देश पर बड़ी कुशलता के साथ उस छल्ले को काट दिया जिसके बाद उस मरीज की जान बच पाई।
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मरीज के रिश्तेदारों ने डॉ लक्ष्मण पाल का शुक्रिया अदा किया इसके साथ ही उन्होंने इस मरीज की जान बचाने के लिए टाइल काटने वाले मिस्त्री की जगह सर्जन बनकर मरीज की जान बचाने वाले सलमान का भी शुक्रिया अदा किया
महेश सुयाल लामाचौड़ क्षेत्र में रहने वाला एक खेतिहर मजदूर है तथा किसी व्यवसाई के वहां भी काम करता है हालांकि महेश ने छल्ला कैसे फसा इसका खुलासा नहीं किया लेकिन यह समझ में आया है कि कुछ दिन पूर्व किसी ने बलपूर्वक उसके लिंग में यह छल्ला डाल दिया जिसके बाद शर्म महसूस होने की वजह वह इस बात को परिजनों में को भी नहीं बताई। जिसकी वजह से लगातार तीन दिन वह लिंग में आई सूजन की वजह से काम करता रहा जिससे वह सूजन और बढ़ गई। आखिरकार जब उसे पेशाब आनी बंद हो गई और दर्द होने लग गया तो उसे मजबूरी में अस्पताल आना पड़ा।
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