क्या होता है Martial Law? कब करते हैं लागू? साउथ कोरिया में मचा बवाल
दक्षिण कोरिया में राष्ट्रपति यून सुक योल ने मार्शल लागू करने के कुछ ही घंटे बाद इसे हटा दिया है। हालांकि, इसे लागू करने के दौरान राष्ट्रपति ने इसे उत्तर कोरिया की कम्युनिस्ट ताकतों और राष्ट्रविरोधी तत्वों से सुरक्षा के लिए आवश्यक बताया। लेकिन लोगों के सड़कों में बवाल और विरोध प्रदर्शन के बीच इसे हटा दिया गया है। आइये जातने हैं मार्शल लॉ क्या है?
क्या होता है Martial Law?
Martial Law एक अस्थायी आपातकालीन स्थिति है, जिसे किसी सरकार द्वारा देश में किसी तत्कालीन खतरे या सुरक्षा संकट के जवाब में लागू किया जाता है। जब मार्शल लॉ लागू होता है, तो सेना का प्रशासन सामान्य नागरिक कामों का नियंत्रण संभालता है। साथ ही राज्य की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी सेना के हाथों में चली जाती है। इसके तहत नागरिक स्वतंत्रताओं पर प्रतिबंध, कर्फ्यू और कानून व्यवस्था के लिए सैन्य बलों की तैनाती की जाती है।
कब लागू होता है मार्शल लॉ?
मार्शल लॉ तब लागू किया जाता है जब सरकार को बड़े पैमाने पर नागरिक अशांति, प्राकृतिक आपदाओं, या आक्रमण के खतरे का सामना करना पड़ता है। यह स्थिति आमतौर पर आखिरी उयाय के रुप में आपनाई जाती है, जब अन्य सभी प्रयोग विफल हो जाते हैं।
साउथ कोरिया के इतिहास में मार्शल लॉ
साउथ कोरिया के इतिहास में मार्शल लॉ का अहम स्थान रहा है। यह अक्सर राजनीतिक तनाव, जन आंदोलन या राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे के समय में लागू किया गया। कई बार कोरियाई युद्ध के दौरान मार्शल लॉ को लागू किया गया है। साल 1950-53 के कोरियाई युद्ध के दौरान, राष्ट्रपति सिंगमन री ने युद्ध के हालात को संभालने के लिए मार्शल लॉ लागू किया। इस दौरान सरकार ने व्यापक शक्तियां संभाल ली। जिनमें सेंसरशिप, बिना न्यायिक प्रक्रिया के गिरफ्तारी और नागरिक स्वतंत्रता पर प्रतिबंध शामिल थे।
1960 में Martial Law लागू
साल 1960 में सिंगमन री के चुनावी धोखाधड़ी और अधिनायकवाद के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान भी मार्शल लॉ लागू किया गया। हालांकि जनता का विरोध इतना तेज था कि री को पद छोड़ना पड़ा। इस घटना ने दिखाया कि मार्शल लॉ जहां व्यवस्था बहाल कर सकता है, वहीं यह जनता में आक्रोश भी बढ़ा सकता है।
1961 में मार्शल लॉ कोदेशव्यापी स्तर पर लागू
साल 1961 में जनरल पार्क चुंग-ही ने सैन्य तख्तापलट के जरिए सत्ता संभाली और मार्शल लॉ को देशव्यापी स्तर पर लागू किया। उन्होने इसे स्थिरता बहाल करने और भ्रष्टाचार से निपटने का जरिया बताया। उनके शासन में मार्शल लॉ का बार-बार इस्तेमाल राजनीतिक विरोध और आंदोलनों को दबाने के लिए किया गया।
1980 में मार्शल लॉ लागू कर सत्ता पर कब्जा
साल 1980 में राष्ट्रपति पार्क चुंग ही हत्या के बाद जनरल चुन दू-हवान ने मार्शल लॉ लागू कर सत्ता पर कब्जा किया। ग्वांगजू विद्रोह के दौरान इस कदम के खिलाफ भारी विरोध हुआ। विद्रोह को कुचलने के लिए तैनात सैनिकों ने सैकड़ों नागरिकों की हत्या कर दी। यह घटना दक्षिण कोरिया को इतिहास का एक काला अध्याय है।
1987 में मार्शल लॉ का इस्तेमाल
साल 1987 में लोकतंत्र समर्थक आंदोलनों ने दक्षिण कोरिया में सैन्य शासन को चुनौती दी। इन आंदोलनों के बाद देश ने एक नई लोकतांत्रिक संविधान को अपनाया और सीधे राष्ट्रपति चुनाव शुरु हुए। हालांकि, इस दौरान सरकार ने मार्शल लॉ जैसी कठोर रणनीतियों का इस्तेमाल किया।
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