शनि देव किस राशि में क्या असर दिखाते हैं? जानिए मेष से लेकर मीन राशियों का हाल
Shani Dev: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि देव न्याय और कर्म प्रधान देवता हैं. शनि देव जिस भी राशि में स्थित होते हैं, उसका अनुकूल और प्रतिकूल जातक को अपने जीवन में देखने को मिल सकती है.
Saturn position from Aries to Pisces: ज्योतिष शास्त्र में शनि देव को न्याय और कर्मप्रधान कहा गया है. जिस वजह से शनि देव जिस भी राशि और भाव में विराजमान होते हैं, उसका अनुकूल और प्रतिकूल प्रभाव जातक के जीवन में देखने को मिलता है.
शनि देव अगर किसी व्यक्ति के राशि में अच्छे हैं तो उसे सफलता की ऊंचाईयों तक पहुंचा सकते हैं, वहीं शनि की गलत अवस्था करियर, रिश्तों और धन के मामले में बाधा डाल सकती है. आइए जानते हैं शनि देव किस राशि में बैठकर कैसा प्रभाव दिखाते हैं?
शनि की अवस्था मेष से मीन राशियों में
शनि के मेष राशि में स्थित होने से जातक को करियर में संघर्ष, अधिक परिश्रम, रिश्तों में तनाव और परिणाम मिलने में देरी का सामना करना पड़ सकता है.
शनि के वृषभ राशि में विराजमान होने से इस राशि के जातक को प्रेम जीवन में उतार चढ़ाव, आर्थिक स्थिति में धीरे-धीरे मजबूती, बिजनेस में संघर्ष और पारिवारिक जिम्मेदारियों का सामना करना पड़ सकता है.
मिथुन राशि में शनि के होने से संचार के क्षेत्र मे लाभ, यात्रा के निरंतर योग, मानसिक तनाव और कोर्ट-कचहरी का सामना करना पड़ सकता है.
शनि जब कर्क राशि में हो तो रिश्तों में भावनात्मक तनाव, घर परिवार में अशांति, प्रॉपर्टी विवाद और करियर से संबंधित मामलों में देरी देखने को मिल सकती है.
सिंह राशि में शनि के होने से अंहकार का सामना, करियर में मिला जुला परिणाम, नेतृत्व क्षमता में चुनौती और सरकारी कामों में देरी का सामना करना पड़ सकता है.
शनि के कन्या राशि में होने से काम में दबाव का सामना, वित्तीय मामलों में अस्थिरता और स्किन या हड्डी के मामलों में समस्या देखने को मिल सकती है.
शनि तुला राशि में हो तो करियर में बेहतर परिणाम, प्रेम जीवन में प्यार की वृद्धि, निर्णय क्षमता मजबूत और करियर में ग्रोथ देखने को मिल सकती है.
वृश्चिक राशि में शनि के विराजमान होने से मानसिक दबाव, रिसर्च, जांच-पड़ताल से जुड़े कामों में सफलता और अकस्मात बदलाव देखने को मिल सकते हैं.
शनि धनु राशि में होने से उच्च शिक्षा में टकराव, विदेश से जुड़े कामों में बाधा और करियर में बड़े बदलावों का सामना करना पड़ सकता है.
शनि मकर राशि में होते हैं करियर में बुलंदी, प्रशासनिक क्षमता में वृद्धि, परिश्रम में सफलता और नौकरी में प्रमोशन के योग बनते हैं.
शनि कुंभ राशि में मित्र भाव में विराजमान होते हैं, जिस वजह से सामाजिक पहचान मजबूत होने के साथ व्यापार में वृद्धि, नेटवर्किंग के मामलों में अच्छे परिणाम और लॉन्ग टर्म की योजनाओं में सफलता मिलती है.
शनि के मीन राशि में होने से आध्यात्मिकता में वृद्धि, भावनात्मक भ्रम दूर होने के साथ विदेश, हॉस्पिटल और फार्मा के क्षेत्र में फायदा देखने को मिलता है.
किसी भी जातक की कुंडली में शनि का असर केवल राशि तक सीमित नहीं हैं, बल्कि उसके भाव, दृष्टि, दशा और योग पर भी निर्भर करता है.शनि की सही स्थिति जीवन में स्थिरता के साथ सफलता दिलाती है, जबकि गलत जगह बैठे शनि संघर्ष और देरी का कारण बनते हैं.
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