#vidhansabha विस सत्र : प्रश्नकाल में विधायकों ने पूछे सवाल, संसदीय कार्य मंत्री दे रहे जवाब
“विधानसभा के मानसून सत्र में दूसरे दिन की कार्रवाई चल रही है। प्रश्नकाल में विधायक सवाल पूछ रहे हैं। जिसका संसदीय कार्य मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल जवाब दे रहे हैं। कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने प्रश्नकाल में राशन कार्ड का मुद्दा उठाया तो बीजेपी विधायक ने बृजभूषण गैरोला ने रायपुर में बने आईस स्केटिंग रिंग का मामले को लेकर सवाल पूछे हैं।
कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने उठाया राशन कार्ड का मुद्दा
सदन में प्रश्नकाल में कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने राशन कार्ड का मुद्दा उठाया है। उन्होंने पूछा कि डिजिटल राशन कार्ड बनने में कितना खर्चा आया। जिस पर संसदीयकार्य मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने जवाब देते हुए बताया कि डिजिटल राशन कार्ड बनाने में तीन करोड़ 22 लाख रुपए खर्च आया है।
कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने ने सवाल पूछा कि प्रदेश से बाहर के कितने लोगों को राशन मिल रहा है। जिस पर प्रेमचंद अग्रवाल ने जवाब दिया कि देशभर में वन राशन कार्ड स्कीम चल रही है। प्रदेशभर में बहुत बड़ी संख्या में बाहर से आए हैं और अभी बाहरी प्रदेश के छह हजार लोगों को राशन मिल रहा है।
विधायक बृजभूषण गैरोला ने उठाया आईस स्केटिंग रिंक का मुद्दा
भाजपा विधायक बृजभूषण गैरोला ने रायपुर में बने आईस स्केटिंग रिंक का मामला उठाया है। उन्होंने पूछा कि आईस स्केटिंग रिंक की लागत क्या है और उसका उपयोग हो रहा है या नहीं।
जिस पर संसदीय कार्य मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने जवाब दिया कि ये आईस स्केटिंग रिंक 2010 में 56.62 करोड़ की लागत से बना था। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि इस स्केटिंग रिंक में चार प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया है। फिलहाल अभी आईस स्केटिंग रिंक का मामला कोर्ट में है।
नेता प्रतिपक्ष ने पूछा अल्प सूचना पर सत्र आयोजित करने पर सवाल
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने सदन में अल्प सूचना पर सत्र आयोजित करने का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि सरकार ने क्यों सत्र आयोजित किया सरकार को बताना चाहिए। सत्र आयोजित करने के 14 दिन पहले जो सूचना देनी होती है सरकार ने वो नहीं दी।
इस सवाल पर संसदीय कार्यमंत्री ने जवाब दिया कि राष्ट्रीय समाचार पत्रों के माध्यम से सत्र आयोजित करने की सूतना दी गयी थी। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि विधायकों को जो सूचना विधानसभा की ओर से 14 दिन पहले दी जानी चाहिए थी वो नहीं दी गयी। इसके साथ ही सत्र की अवधि को लेकर में विपक्ष ने सदन में मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि साल में कम से कम 60 दिन सत्र आयोजित होना चाहिए।”
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