उत्तराखंड-यहां घूमने आ रहे हैं तो हो जाएं सावधान, वरना एक लापरवाही ले सकती है आपकी जान
ऋषिकेश घूमने का प्लान कर रहे हैं तो आपको थोड़ा सावधान रहने की जरुरत है। वरना एक लापरवाही आपकी जान तक ले सकती है। गंगा के घाटों पर लापरवाही की डुबकी श्रद्धालुओं की जान पर भारी पड़ रही है। कुछ घाट स्नान की दृष्टि से बहुत घातक है। घाट का पानी भले ऊपर से बहुत धीमा प्रतीत होता है। मगर सतह के नीचे बहाव तेज होने के कारण कई अनहोनी हो जाती है।
कई स्थानों पर घाटों पर गहरी चट्टानें और तेज भंवर हैं। जिसे सामान्य रूप से महसूस नहीं किया जा सकता है। लेकिन लापरवाही से स्नान करने वालों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है। कई बार गंगा में टिहरी और श्रीनगर डैम से छोड़े जाने वाली पानी से भी जलस्तर में अचानक वृद्धि हो जाती है। ऐसे घाट श्रद्धालुओं और पर्यटकों के स्नान के लिए प्रतिबंधित किए गए हैं।
इसे कहा जाता है स्नान के लिए सुरक्षित घाट
ऋषिकेश और उसके आस पास कुछ ही घाट ऐसे हैं जो स्नान की दृष्टि से सुरक्षित हैं। सुरक्षित घाट उन्हें कहा जाता है जिसमें स्नान के लिए जंजीर लगाई गई हो। ताकि श्रद्धालु घाट पर जंजीर की मदद से डुबकी लगा सके। इसके साथ ही घाट की गहराई अधिक न हो, अगर कोई हादसा होता भी है तो आसपास सुरक्षा के लिए जल पुलिस और पुलिस तैनात हो।
स्नान के लिए सुरक्षित घाट
नाव घाट
गीता आश्रम घाट
ऋषिकेश का त्रिवेणी घाट
मुनिकीरेती का शत्रुघन घाट
लक्ष्मणझूला का नावघाट
स्वर्गाश्रम क्षेत्र में परमार्थ घाट
जानकी पुल के पास गंगा घाट
स्नान के लिए असुरक्षित घाट
ऋषिकेश क्षेत्र: बहत्तर सीढ़ी घाट, साईं घाट, नाव घाट मायाकुंड
मुनिकीरेती क्षेत्र: तपोवन, नीम बीच, बह्मपुरी, शिवपुरी के घाट
लक्ष्मणझूला क्षेत्र:
किरमोला घाट, मस्तराम बाबा घाट, बांबे घाट, गरुड़ चट्टी, फूल चट्टी घाट, गोवा बीच
रायवाला क्षेत्र: हरिपुर क्षेत्र के गंगा घाटों पर अधिकांश पर्यटकों के डूबने की घटनाएं सामने आती है।
ऋषिकेश घूमने आ रहे हैं तो इन बातों का जरूर रखें ध्यान
अगर तैरना नहीं आता है तो गंगा घाट पर चेन पकड़कर ही डुबकी लगाकर स्नान करें।
गंगा में तैरना जोखिम भरा हो सकता है। बहाव की तीव्रता किसी जगह कम तो किसी जगह अधिक होती है।
गंगा घाटों पर यदि चेतावनी बोर्ड लगे हैं या फिर किसी घाट पर जाने से पुलिस आपको रोक रही है तो अनदेखी न करें।
गंगा घाट पर जमा रेत के नीचे कई बार लहरों से कटाव हो जाता है। रेत पर खड़े होते ही रेत ढह जाती है और उनका जीवन संकट में पड़ सकता है।
गंगा में जल कुछ घाटों पर ऊपरी सतह पर शांत नजर आता है। जबकि इसके नीचे लहरें बेहद तेज होती है। इसलिए शांत पानी देखकर तैरने की बिलकुल गलती न करें।
गंगा घाट पर कई जगहों पर भंवर होते हैं जो सामान्य रूप से नजर नहीं आते। गंगा में नहाते समय यह भंवर व्यक्ति को अपनी ओर खींच लेते हैं और वह डूबने लगता है।
नहीं है इन घाटों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
ऋषिकेश और आसपास क्षेत्र में अधिकांश पर्यटकों के डूबने की घटनाएं सामने आती है। कई पर्यटक अपनी जान भी गंवा चुके हैं। बावजूद इसके घातक घाटों पर पर्यटकों को स्नान करने से रोकने के लिए प्रशासन द्वारा सख्त कदम नहीं उठाए गए हैं। सुरक्षा के नाम पर पुलिस की ओर से घाटों पर केवल चेतावनी बोर्ड लगाकर या पत्थरों पर चेतावनी लिखकर खानापूर्ति की गई है।
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