किसानों के नाम पर भाजपा एवं समितियों के चेहतो को बांटा जा रहा है 0% वाला ऋण
देहरादून एसकेटी डॉट कॉम
दीन दयाल उपाध्याय सहकारिता 0% ब्याज के वितरित किए जाने वाला लोन भाजपा के कार्यकर्ताओं और सहकारिता के सदस्यों के क्षेत्रों के लिए वरदान बन गया है
किसानों में किसानी दुग्ध उत्पादन समेत कई तरह के आजीविका बढ़ाने के नाम पर किसानों को एक से तीन लाख रुपया तथा किसान समूह को ₹5 लाख तक का ऋण 0% ब्याज के तौर पर दिया जा रहा है.
लेकिन यह ऋण किसानों को ना बाँट कर भाजपा कार्यकर्ताओं समितियों के सचिवों के चित्रों को फर्जी बिलों के फर्जी प्रस्ताव बनाकर बांटा जा रहा है.
जिले के डोईवाला ब्लाक में बहुउद्देशीय सहकारी समिति (एमपैक्स) माजरी, भानियावाला में 30 लाख रुपये से अधिक का घोटाला प्रकाश में आने के बाद विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों में खलबली मची है।
कांग्रेस पार्टी ने इसे किसानों के साथ धोखा बताते हुए सरकार से मामले में एसआईटी जांच कराने की मांग की है।
इधर, विभागीय मंत्री का कहना है कि उन्होंने पहले ही सभी 670 पैक्स समितियों के स्पेशल ऑडिट के जांच के आदेश दे रखे हैं
सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्रदेश में पंडित दीन दयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना शुरू की है। इसके तहत किसानों को एक लाख, तीन लाख और किसान समूहों को पांच लाख रुपये तक ब्याज मुक्त ऋण दिया जाता है। लेकिन विभाग के ही कुछ अधिकारी-कर्मचारी ऐसी योजनाओं पर पलीता लगाने पर तुले हैं।
दिनों सचिव सहकारिता डॉ.बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने न्याय पंचायत स्तर पर बहुद्देशीय सहकारी समितियों (एमपैक्स) का निरीक्षण किया तो एक समिति के मात्र 16-17 खातों की जांच में ही 30 लाख रुपये का घोटाला सामने आया। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि प्रदेश की सभी समितियों के सभी खातों की जांच की जाए तो यह घोटाला करोड़ों रुपये का हो सकता है।
पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व विधायक प्रीतम सिंह ने कहा कि एक तरफ सरकार किसानों की आय दोगुनी करने की बात करती है, वहीं दूसरी तरफ किसानों के हक पर डाका डाला जा रहा है। उन्होंने कहा सहकारिता में हर बार नया घोटाला सामने आने के बाद सरकार हर बार जांच की बात करती है, लेकिन इन जांचों में निकलता कुछ नहीं है।
इसलिए इस मामले की एसआईटी जांच होनी चाहिए। पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना और मीडिया प्रभारी राजीव महर्षि ने भी इस मामले में सरकार से एसआईटी जांच की मांग की है।
मंत्री ने माना, अभी और आ सकते हैं इस तरह के मामले
सहकारिता मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने कहा कि सहकारी समितियों में अभी तक सभी काम हाथ से किए जाते थे, लेकिन अब प्रदेशभर में पैक्स समितियों के कंप्यूटराइजेशन का काम किया जा रहा है। उन्होंने माना है कि ऐसे तमाम मामले और सामने आ सकते हैं।
ने कहा कि उन्होंने विभागीय सचिव को उप निबंधक स्तर के अधिकारियों से सभी जिलों में समितियों के सघन निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं। ताकि जहां इस तरह की गड़बड़ियां हो रही हैं, उन्हें सामने लाया जा सके। जहां तक इस मामले में एसआईटी जांच का विषय है, तो उन्होंने पहले ही स्पेशल ऑडिट कराए जाने के आदेश कर रखे हैं।
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