Triyuginarayan Temple Wedding Cost: त्रियुगीनारायण मंदिर में शादी के लिए कितना आएगा खर्चा? क्या है रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया? जानें सबकुछ

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आजकल युवाओं में डेस्टिनेशन वेडिंग (Destination Weding in uttarakhand)का ट्रेंड काफी पॉपुलर है। इसमें दूल्हा-दुल्हन अपने परिवार और कुछ करीबी दोस्तों के साथ शादी के बंधन में बंधने के लिए एक खूबसूरत जगह पर जाते हैं। । लेकिन इन सब में काफी खर्चा हो जाता है। डेस्टिनेशन वेडिंग की बात करें तो एक आम आदमी के लिए यह खर्च उठाना मुश्किल है। हालांकि, अगर आप भी कम बजट में भारत में किसी खुबसूरत लोकेशन पर डेस्टिनेशन वेडिंग करना चाहते है तो ये आर्टिकल आपके लिए है। हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे है जहां कम बजट में भी डेस्टिनेशन वेडिंग का सपना पूरा किया जा सकता है। ये लोकेशन प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ धार्मिक रूप से भी काफी महत्व रखती है।

हरी-भरी पहाड़ियां और खूबसूरत नजरों के बीच में स्थित इस जगह में शादी को और भी यादगार बनाया जा सकता हैं। ऐसा कहा जाता है कि यहां सात फेरे लेने वालों को स्वयं भगवान शिव और माता पार्वती आशीर्वाद देने आते है। अच्छी बात ये है कि यहां पर अगर आप शादी करना चाहते है तो इसके लिए खास पैकेज भी उपलब्ध है। इसमें आप कुछ हजार रुपए में अच्छी लोकेशन में एक ग्रैंड वेडिंग कर सकते है। यह जगह है उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित त्रियुगीनारायण मंदिर (Triyuginarayan Temple)। ऐसे में इस आर्टिकल में जानते है कि त्रियुगीनारायण मंदिर में शादी करने पर कितना खर्चा (Triyuginarayan Temple Wedding Cost)आएगा। क्या है रजिस्ट्रेशन प्रोसेस?

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित त्रियुगीनारायण मंदिर (Triyuginarayan Temple)

देवभूमि कहे जाने वाले उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के ऊखीमठ ब्लॉक में त्रियुगी नारायण मंदिर स्थित है। पर्यटकों के बीच ये पवित्र स्थल आकर्षण का केंद्र है। “त्रिजुगीनारायण” तीन शब्दों को मिला कर बना है ‘त्रि’ जिसका मतलब है तीन, युगी जिसका मतलब है युग और नारायण भगवान विष्णु को कहा जाता है।

How to Reach Triyuginarayan Temple

भगवान विष्णु को समर्पित Triyuginarayan Temple शिव पार्वती के विवाह का साक्षी है। इसी जगह पर अपने आराध्य भगवान विष्णु को साक्षी मानकर हिमालय के राजा हिमवंत ने अपनी पुत्री पार्वती का विवाह भगवान शंकर से कराया था। भगवान विष्णु ने भाई बनकर माता पार्वती का कन्यादान किया था।

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यहां भगवान शिव-पार्वती ने की थी शादी

बाहर से आने वाले लोगों के बीच ये पवित्र स्थल आकर्षण का केंद्र है। शादी के लिए भी ये कपल्स के बीच काफी फेमस है। कपल्स के बीच इसकी लोकप्रियता की एक खास वजह है और वो है शिव-पार्वती का विवाह। त्रियुगीनारायण मंदिर के इतिहास की बात करें तो ये काफी पुराना है। मान्यता है कि यहां पर भोले भंडारी यानी शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। माना जाता है कि ये मंदिर शिव और पार्वती के विवाह का प्रतीक है।

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स्थानीय लोग बताते है कि आज भी Triyuginarayan Temple पर शिव और पार्वती के विवाह के समय जलाई गई अग्नि जल रही है। शिव-पार्वती के इस विवाह के साक्षी भगवान विष्णु और ब्रह्मा बने थे। जहां विष्णु माता पार्वती के भाई के रूप में शामिल हुए थे। तो वहीं ब्रह्मा जी ने ये शुभ विवाह करवाया था। ब्रह्मा इस विवाह में पुरोहित बने थे। जिसके चलते इस स्थान को ब्रह्म शिला भी कहा जाता है। ये मंदिर के ठीक सामने है।

कहा ये भी जाता है कि त्रेता युग में इस मंदिर की स्थापना हुई थी। त्रिजुगीनारायण मंदिर की एक और मान्यता है कहा जाता है कि भगवान विष्णु ने अपना पांचवा अवतार वामन अवतार इसी जगह पर लिया था। तभी से यहां भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा की जाती है।

त्रिजुगीनारायण का महात्म्य

त्रिजुगीनारायण मंदिर की वास्तुशैली केदारनाथ मंदिर की तरह ही है। आज इस मंदिर को अखंड धूनि मंदिर भी कहा जाता है। मान्यता है कि शिव पार्वती ने इस अखंड धूनि को साक्षी मान कर इसी धूनि में फेरे लिए थे। आज भी शिव पार्वती के परिणय सूत्र में बांधने की यादें इस 3 युगों से जलने वाली धूनि में जीवित हैं। इसी वजह से इस जगह को त्रियुगी कहा जाता है।

How to Reach Triyuginarayan Temple

स्थानीय लोग मानते हैं कि इस धूनी की राख वैवाहिक जीवन में आने वाली सारी परेशानियों को दूर कर देती है। इस मंदिर के बारे में ये कहा जाता है कि जो लोग इस मंदिर में विवाह करते हैं उनके वैवाहिक जीवन में कभी कोई कष्ट नहीं आता और उनका वैवाहिक जीवन सदा के लिए सुखमय हो जाता है। इसके साथ ही जो लोग इस मंदिर के दर्शन करते हैं उनके वैवाहिक जीवन में आई सारी परेशानियां खत्म हो जाती हैं।

त्रिजुगीनारायण मंदिर बना वेडिंग डेस्टिनेशन

शिव पार्वती के विवाह ने इस जगह के महात्म्य को और बढ़ा दिया। जिसके बाद इस जगह की महत्वता को देखते हुए 2018 में सरकार ने टूरिज्म की दृष्टि से इस जगह का प्रचार प्रसार एक वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में किया। आज ये जगह सोशल मीडिया के ज़रिए काफी फेम में आ गई है और एक पॉपुलर वेडिंग डेस्टिनेशन भी बन गई है।

जब से उत्तराखंड सरकार ने इस जगह को वेडिंग डेस्टिनेशन घोषित किया है। तब से यहां बड़े बड़े राजनेता, टीवी कलाकार और बिजनेस मैन शादी कर चुके हैं। जिसमें एफआईआर सीरियल की प्रसिद्ध टीवी एक्टर कविता कौशिक, प्रदेश के मंत्री धन सिंह रावत, गाजियाबाद की आईपीएस अपर्णा गौतम और नैनीताल के एडीएम ललित मोहन शामिल हैं।

कैसे करें त्रियुगीनारायण मंदिर में शादी? (Wedding at Triyuginarayan Temple)

अगर आप भी उत्तराखंड में स्थित त्रियुगीनारायण मंदिर में शादी करने का प्लान बना रहे है तो उसके लिए कुछ जरूरी प्रक्रियाएं होती हैं। जिनका पालन करना जरुरी होता है। चलिए आपको बताते है कि इस मंदिर में शादी करने के लिए क्या प्रक्रिया हैं। साथ ही खर्चा और इस मदिंर में शादी करने से जुड़ी कुछ अन्य बाते भी जान लेते है।

रजिस्ट्रेशन का प्रोसेस

  • सबसे पहले त्रियुगीनारायण मंदिर में शादी करने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होता है।
  • जिसके लिए आपको 1100 रुपये का शुल्क देना होता है।
  • रजिस्ट्रेशन के समय शादी करने वाले जोड़े का आधार कार्ड, फोन नंबर आदि जानकारी मंदिर समिति को देनी होती है।
  • इसके साथ ही शादी की तारीख और अन्य जरूरी जानकारी भी रजिस्ट्रेशन के दौरान दी जाती है।

शादी की रस्में और कार्यक्रम

हिंदू रीति-रिवाजों के साथ यहां शादी की जाती है। इसमें पारंपरिक सभी रस्मों का पूरा ख्याल रखा जाता है।

  • हल्दी-मेहंदी, बारात और फेरे आदि सभी रस्में मंदिर परिसर में ही करवाई जाती हैं।
  • पहाड़ी खाना और नाच-गाने की भी पूरी व्यवस्था होती है।
  • इस दौरान मंदिर का माहौल धार्मिक और आध्यात्मिक रहता है।

शादी में कितना खर्चा और पैकेज (Triyuginarayan Temple Wedding Cost)

मंदिर में शादी करने के लिए वेडिंग पैकेज उपलब्ध हैं। जिनमें शादी की पूरी व्यवस्था शामिल होती है। इसमें 40 हजार से शुरू होकर ये पैकेज 3-4 लाख तक का भी हो सकता है।

  • शादी करने के लिए जोड़ों को कम से कम 40 हजार रुपए देने होते है।
  • ये पैकेज 3-4 लाख रुपये का भी हो सकता है।
  • पैकेज में ये रस्में शामिल होती हैं:-
    • हल्दी-मेहंदी, संगीत के फंक्शन
    • में शादी के लिए मंदिर और मंडप की सजावट
    • खाना-पीना और मेहमानों के रुकने की व्यवस्था
    • वेडिंग प्लानर की पूरी टीम
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मेहमानों की संख्या और कुछ जरुरी नियम

  • चूकि शादी मंदिर में हो रही है तो ज्यादा लोग लाने की अनुमति नहीं होती।
  • दोनों दूल्हा और दुल्हन की तरफ से 15-15 यानी टोटल 30 लोग को लाया जा सकता है।
  • कुछ नियम है जिनका पालन मंदिर परिसर में करना जरुरी होता है:-
    • प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं कर सकते है।
    • साथ ही धूम्रपान और शराब का सेवन करना सख्त मना है।
How to Reach Triyuginarayan Temple

कैसे पहुंचे त्रियुगीनारायण मंदिर? (How to Reach Triyuginarayan Temple)

त्रियुगीनारायम मंदिर के लिए आप तीनों सड़क, हवाई और रेल मार्ग से पहुंच सकते है।

  1. सड़क से
    त्रियुगीनारायण मंदिर अगर आप सड़क के रास्ते से जाना चाहते हैं। तो उसके लिए आप सबसे पहले रुद्रप्रयाग पहुंचे। रुद्रप्रयाग पहुंचने पर केदारनाथ धाम की ओर जाने वाली सड़क पर आए। इस रास्ते पर आपको गुप्तकाशी के आगे दो रास्ते मिलेंगे। जिसमें से पहला सोनप्रयाग से केदारनाथ के लिए जाता है। तो वहीं दूसरा त्रियुगीनारायण मंदिर की तरफ। आपको दूसरा रास्ता जो त्रियुगीनारायण मंदिर ले जाता है उसपर जाना है।
  2. हवाई से
    अगर आप सड़क से ना जाकर फ्लाइट से जाना चाहते हैं। तो आपको इसके लिए देहरादून से हेलीकॉप्टर सेवा लेनी होगी। जो आपको चमोली जिले के गौचर हेलीपैड तक पहुंचा देगा। हालांकि इसके आगे का सफर यानी गौचर से आगे का सफर आपको अपने पर्सनल वाहन से तय करना होगा। जिससे आप सीधा मंदिर पहुंच जाएंगे।
  3. ट्रेन से
    अगर आप ट्रेन से जाना चाहते है तो इसके लिए सबसे पहले आप सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन ऋषिकेश आ जाए। यहां से आपको आगे की यात्रा के लिए टैक्सी या बस मिल जाएगी। जो आपको सीधा त्रियुगीनारायण मंदिर पहुंचा देगी।

त्रियुगीनारायण मदिंर जाने का सबसे अच्छा समय

बात करें त्रियुगीनारायण मंदिर के लिए सबसे अच्छे समय का तो यहां पर घूमने या फिर शादी करने के लिए सबसे बेस्ट टाइम अप्रैल से जून और सितंबर से नवंबर के बीच का समय है। इस समय मौसम काफी सुहावना रहता है और थोड़ा ठंडा भी। जिससे यात्रा काफी आरामदायक हो जाती है।

  1. गर्मियों में यात्रा का समय(अप्रैल-जून)
    गर्मियों में यात्रा करने का बेस्ट समय अप्रैल-जून के बीच में है। इस दौरान यहां का तापमान 10°C से 30°C के आसपास रहता है। जिससे आपको ना ज्यादा गर्मी लगेगी और ना ही ज्यादा ठंड।
  2. सर्दियों में यात्रा का समय (सितंबर से नवंबर)
    अगर आप सर्दियों में आने का प्लान बना रहे है तो यहां पर इस दौरान मौसम काफी ठंडा हो जाता है। भीषण बर्फबारी के चलते रास्ते बंद भी हो सकते है। ऐसे में आपको मंदिर पहुंचना काफी मुश्किल हो सकता है। इसलिए सर्दियों में यहां जाने से बचे। अच्छा है कि आप सर्दिया शुरु होने से पहले यानी सितंबर और नवंबर के बीच यहां आए।
How to Reach Triyuginarayan Temple

त्रियुगीनारायण में रहने की व्यवस्था ( Triyuginarayan Temple Accommodation)

अगर आप त्रियुगीनारायण मंदिर आ रहे है तो आपको यहां पर रहने के लिए जगह की चिंता करने की जरुरत नहीं है। यहां आने वाले लोगों और श्रद्धालुओं के लिए रहने के लिए सुविधा उपलब्ध हैं। आप यहां पर अपन बजट को ध्यान में रखते हुए गेस्टहाउस, धर्मशाला या फिर होमस्टे आदि का ऑप्शन चुन सकते हैं।

लेकिन अगर आपको साधारण गेस्टहाउस या फिर धर्मशाला में नहीं रहना है और आप एक आरामदायक और सुविधा वाली जगह ढ़ूंढ रहे हो तो आप मंदिर से कुछ ही दूर श्रीनगर या फिर रुद्रप्रयाग जा सकते हो। मंदिर से रुद्रप्रयाग की दूरी करीब 25 किमी है। तो वहीं श्रीनगर 35 किमी दूर है। इधर आपको कई सारे अच्छे होटल्स और गेस्टहाउस के ऑप्शन मिल जाएंगे। जहां आपको गर्म पानी, खाने पीने और वाई-फाई की सुविधा भी मिल जाएगी।