उत्तराखंड के युवा होटल बेसमेंट में फंसे,लगाई वापसी की गुहार

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रूस और यूक्रेन के बीच हो रहे भीषण युद्ध के कारण हजारों की संख्या में भारतीय यूक्रेन में फंसे हुए हैं। उनमें बड़ी संख्या में उत्तराखंड के छात्र और वहां होटल और दूसरे संस्थानों में काम करने वाले लोग भी शामिल हैं। टिहरी जिले के विभिन्न गांवों के युवा भी वहां फंसे हैं। ये सभी होटलों में काम करते हैं। उनका कहना है कि फिलहाल वो सुरक्षित हैं और पिछले तीन दिनों से होटल के बेसमेंट में रह रहे हैं।

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टिहरी जिले के युवाओं ने अपने परिजनों को चिंता नहीं करने की बात कही है। उनका कहना है कि वहां हालात जरूर खराब हैं, लेकिन वह सभी होटल की बेसमेंट में सुरक्षित हैं। होटल में कार्यरत युवाओं ने बताया कि फिलहाल उनके पास खाने-पीने की कोई समस्या नहीं है। भारत सरकार से वतन वापसी की गुहार लगाई है। दूसरी ओर, प्रतापनगर के पूर्व विधायक विक्रम सिंह नेगी ने विदेश मंत्री केंद्र सरकार को पत्र भेजकर यूक्रेन में फंसे सभी भारतीय नागरिकों को जल्द सकुशल वापस लाने की मांग की है।
प्रतापनगर ब्लॉक के स्यालगी गांव निवासी नरेश कलूड़ा ने बताया कि वह अपने चार अन्य साथियों के साथ यूक्रेन की राजधानी कीव में फंसे हुए हैं। वे वहां होटल में कार्यरत हैं। बताया कि यहां के हालात खराब जरूर हैं, लेकिन वह अपने उत्तराखंड के साथियों के साथ सुरक्षित हैं। नरेश ने बताया कि रूसी सेना कीव के निकट पहुंच गई है। स्थानीय प्रशासन से उन्हें बाहर न निकलने का सुझाव दिया है।


नरेश के साथ नई टिहरी सुरसिंगधार कांडा गांव के प्रवीन पुंडीर पुत्र पूरण सिंह पुंडीर, हरीश पुंडीर, नरेंद्रनगर आर्स गांव के सुरेंद्र रावत पुत्र ज्ञान सिंह रावत, श्यामपुर ऋषिकेश के मनोज सिंह पुत्र वीर सिंह भी कीव स्थित होटल में ही हैं। पांच युवाओं ने बताया कि वह करीब एक साल पूर्व यूक्रेन आए थे। एक होटल किराए पर लेकर व्यवसाय चला रहे हैं। होटल भी अच्छा चल रहा था, लेकिन अब अचानक युद्ध ने सब कुछ बदलकर रख दिया है। नरेश कलूड़ा ने अपने पिता राकेश सिंह सहित परिजनों से अपील की है वह घबराएं नहीं है।