जीएसटी घोटाले के सरगना के खिलाफ दाखिल की साढ़े तीन हजार पेज की चार्ज शीट

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चार महीने पहले जसपुर में पकड़ में आए करोड़ों रुपयों के जीएसटी घोटाले में राज्य कर विभाग की एसआईबी (विशेष अनुसंधान शाखा) ने टैक्स चोर गिरोह के सरगना के खिलाफ 3:30 हजार क पेज की चार्जशीट दाखिल कर दी है। इसे न्यायालय में लोहे के बक्से और कार्टन में रखकर लाया गया था। टीम ने 58 दिन की विवेचना के बाद इस चार्जशीट को तैयार किया

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18 करोड़ की जीएसटी चोरी

मार्च को राज्य कर विभाग की एसआईबी ने जसपुर में लकड़ी के फर्जी बिल बेचने का कारोबार करने वाले लोगों के 27 प्रतिष्ठानों, आवासों, ट्रांसपोटर्स, अधिवक्ताओं और चार्टर्ड एकाउंटेंट के दफ्तरों पर छापा मारा था। इसमें 100 करोड के टर्नओवर पर 18 करोड़ की जीएसटी चोरी पकड़ी गई थी। इस मामले का मास्टरमाइंड शाहनवाज हुसैन अपने घर से फरार हो गया था। प्रशासन के सहयोग से शाहनवाज के घर को सील कर 15 मई को पुलिस की मौजूदगी में खोला गया था जहां विभिन्न फर्मों के बिल, ईवे बिल, बैंक पासबुक, चेक बुक, एटीएम कार्ड, मुहरें, कांटा पर्चियां, मोबाइल और दूसरे अभिलेख बरामद हुए थे।

मुख्य आरोपी शाह नवाज हुसैन

एसआईबी ने मुख्य आरोपी शाहनवाज हुसैन को 22 अक्तूबर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। सोमवार को संयुक्त आयुक्त विशेष अनुसंधान शाखा ठाकुर रणवीर सिंह के नेतृत्व में केस के विवेचक डिप्टी कमिश्नर रजनीश सच्चिदानंद यशवस्थी, विभाग के विशेष अधिवक्ता लक्ष्य कुमार सिंह, सहायक आयुक्त राहुलकांत आर्य, राज्य कर अधिकारी अनिल सिंह चौहान सहित अन्य अधिकारी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पहुंचे और यहां मामले की बहस के बाद चार्जशीट दाखिल की। एसआईबी अधिकारियों ने बताया कि इस मामले की जांच की जा रही है। कुछ दिनों में फर्जी बिल खरीदने वालों को भी गिरफ्तार किया जाएगा

रुद्रपर। एसआईबी ने शुरुआती समय में जब मामला पकड़ा था तो 18 करोड़ की टैक्स चोरी सामने आई थी। इसके बाद एसआईबी अधिकारियों ने गिरोह की जड़ें खंगालनी शुरू कीं थीं। 58 दिन की विवेचना के बाद चार्जशीट तैयार की गई। मामले में 200 से ज्यादा फर्मों के बैंक खातों, 60 से ज्यादा मोबाइल फोन, 30 से ज्यादा कम्प्यूटर, कई सिम कार्ड एवं आरोपी के घर से जब्त किए गए फर्जी फर्मों/कंपनियों से संबंधित भारी भरकम कागजातों की विवेचना की गई। अधिकारियों ने बताया कि चार्जशीट में 28 से ज्यादा फर्जी कंपनियों के जरिये की गई 113 करोड़ के बिलों के फर्जी बिकी पर 20 करोड़ की टैक्स चोरी के साक्ष्य न्यायालय में पेश किए गए हैं। मुख्य आरोपी 50 से अधिक दिन से जेल में है।