प्रसूता को एक से दूसरे अस्पताल करते रहे रेफर, महिला ने तोड़ा दम, लोगों में आक्रोश

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मुख्यमंत्री के जिले चंपावत जिले में तमाम दावों के बावजूद पहाड़ में स्वास्थ्य सुविधाएं ढर्रे पर नहीं आ रही हैं। जिसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है। चंपावत जिला अस्पताल में एक प्रसूता की मौत हो गई। महिला की मौत के बाद से लोगों में आक्रोश है।

पहाड़ की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के चलते एक बार फिर एक प्रसूता की अपनी जान गंवानी पड़ी है। चंपावत में डॉक्टर महिला को एक से दूसरे अस्पताल रेफर करते रहे अंत में महिला जिंदगी की जंग हार गई। जिसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जिला अस्पताल के बाहर जमकर प्रदर्शन करते हुए राज्य सरकार का पुतला दहन किया।

जिला अस्पताल ही खुद बीमार है कैसे होगा इलाज
कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं के हाल बेहाल हैं। चंपावत का जिला अस्पताल ही खुद बीमार है। तो मरीजों का इलाज कैसे संभव हो पाएगा। मिली जानकारी के मुताबिक तल्ली चानमारी लोहाघाट निवासी अमिशा (26) को रविवार रात प्रसव पीड़ा हुई। रात एक बजे परिजन उसे लेकर उपजिला चिकित्सालय लोहाघाट पहुंचे।

अमिशा को अस्पताल में भर्ती किया गया लेकिन उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए चिकित्सकों ने हायर सेंटर भेज दिया। तड़के करीब 3:20 बजे उसे चंपावत जिला अस्पताल लाया गया। यहां एलएमओ ने उसका उपचार शुरू किया। 3:35 बजे सामान्य प्रसव हुआ और अमिशा ने बेटे को जन्म दिया। लेकिन जिला अस्पताल में गायनोकॉलोजिस्ट के अवकाश में होने के कारण महिला की मौत हो गई।

सुविधाएं ना होने के कारण लोगों की जा रही जान
पूर्व कांग्रेस विधायक हेमेश खर्कवाल ने कहा कि सीएम पुष्कर सिंह धामी के विधानसभा क्षेत्र का ये हाल है तो अन्य क्षेत्रों का अंदाजा स्वतः ही लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि व्यवस्था सुधारने में यहां भी अफसर गंभीर नहीं हैं। जिला अस्पताल में दो गायनोकॉलोजिस्ट तैनात हैं लेकिन दो सप्ताह से दोनों अवकाश पर हैं।

बारिश की वजह से पहाड़ की कई सड़कें अभी बंद हैं। ऐसे में समय पर अस्पताल पहुंचना भी मुश्किल हो रहा है। इन असुविधाओं को खामियाजा लोगों को अपनी जान गंवाकर चुकाना पड़ रहा है। यही हाल है कि पैदा होते ही नवजात शिशु के सिर से मां का साया छिन गया