हरक का साइड इफेक्ट दे सकता है भाजपा को झटका, कांग्रेस के बन सकते हैं महंत

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देहरादून एसकेटी डॉट कॉम

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भारतीय जनता पार्टी को लैंसडाउन विधानसभा क्षेत्र से हरक सिंह की दखलअंदाजी भारी पड़ सकती है। हरक सिंह रावत भाजपा में कई सीटों पर भाजपा के सीटिंग विधायकों की सेटिंग बिगाड़ने में लगे हुए। कभी वह डोईवाला की बात करते हैं तो कभी वह रुद्रप्रयाग के बात करते हैं ऐसे करके वह 5 विधानसभा क्षेत्रों का नाम लेते हैं जिससे वह चुनाव लड़ने की संभावनाएं टटोल रहे हैं। इसके अलावा वह अपनी पुत्रवधू अनुकृति गुसाई रावत को लैंसडाउन से भाजपा का टिकट दिलाने के लिए पूरा जोर लगा चुके हैं और भारतीय जनता पार्टी भी उनकी पुत्रवधू को टिकट देने के लिए लगभग मन बना चुकी है। ऐसे में लैंसडाउन के सिटिंग विधायक महंत दलीप सिंह के आजकल हरक सिंह रावत से रिश्ते खटास से भरे हुए हैं।

महंत दलीप सिंह रावत भाजपा के पूर्व दिग्गज नेता एवं विधायक रहे भारत सिंह रावत के बेटे हैं तथा लैंसडाउन से वर्तमान में विधायक हैं उन्होंने विगत दिवस दिल्ली में कांग्रेस के कई नेताओं से बातचीत की है और इसके अलावा कांग्रेस के चुनाव प्रभारी हरीश रावत से उनकी मुलाकात होने की खबरें आ रही है। हरक सिंह के द्वारा प्रभावित की जाने वाली यह पौड़ी गढ़वाल की दूसरी सीट है संभवत है वह इस बार कोटद्वार को छोड़ सकते हैं।

हरक सिंह के बारे में यह माना जाता है कि वह किसी भी से दोबारा चुनाव कम ही लड़ते लड़ते हैं। इसके अलावा वह है डोईवाला से भी चुनाव लड़ने की संभावना टटोल रहे हैं भारतीय जनता पार्टी उन्हें किस सीट से चुनाव लड़ने को कह सकती है यह तो आगामी 1 हफ्ते के अंदर पता चल जाएगा लेकिन उनकी वजह से कई और सीटों का समायोजन बिगड़ सकता है। ऐसे में कांग्रेस भाजपा की हर सीट की पैतरेबाजी बाजी पर नजर बनाए हुए हैं।

लैंसडाउन पर जिस तरह से हरक सिंह की पुत्र बधू को टिकट मिलने की भाजपा द्वारा निर्णय लिया जा रहा है उससे निश्चित रूप से लैंसडाउन सीट पर एक बार फिर समीकरण बिगड़ने की संभावना है। महंत निश्चित रूप से अपनी उपेक्षा से आहत होकर भाजपा को झटका देने में देरी करने के मूड में नहीं। महंत का कोटद्वार लैंसडाउन के अलावा कई क्षेत्रों में व्यापक असर माना जाता है जिसकी वजह से वह लैंसडाउन में भाजपा को पछाड़ने के लिए कांग्रेस का साथ लेने से परहेज नहीं करेंगे।