Kedarnath Heli Service : हेली सुरक्षा को लेकर उठने लगे सवाल, एयर ट्रैफिक कंट्रोल रूम कब होगा स्थापित ?

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बीते दिनों केदारनाथ धाम में हुई हेलीकॉप्टर की एमरजेंसी लैंडिग के बाद से हेली सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं। इसके साथ ही एयर ट्रैफिक कंट्रोल रूम को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं कि आखिर कब इसे स्थापित किया जाएगा।

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केदारनाथ में हेलीकॉप्टर की एमरजेंसी लैंडिग के बाद से ही हेली सुरक्षा और एयर ट्रैफिक कंट्रोल रूम की चर्चाएं हो रही हैं। बात करें केदारनाथ क्षेत्र की तो ये तीन तरफ से पर्वत शृंखलाओं से घिरा हुआ है और चौथी तरफ संकरी गहरी घाटी है। जिस कारण यहां पर हवा की दिशा और दबाव की सही जानकारी नहीं मिल पाती है। लेकिन इसके बावजूद यहां हेलिकॉप्टर अंधाधुंध उड़ान भर रहे हैं। जिस हर समय हादसे होने की संभावना है।

14 सालों में हुई 10 हेलिकॉप्टर दुर्घटनाएं
आपको बता दें कि बीते 14 सालों में केदारनाथ क्षेत्र में 10 हेलिकॉप्टर दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। बीते 14 सालों में सेना के एमआई-17 हेलिकॉप्टर सहित पांच हेलिकॉप्टर क्रैश हुए। जबकि अन्य में तकनीकी खामियां आई हैं। लेकिन इसके वाबजूद आज तक केदारनाथ धाम में हवाई सेवा की सुरक्षा के लिए एयर ट्रैफिक कंट्रोल रूम स्थापित नहीं किया गया है।

एयर ट्रैफिक कंट्रोल रूम कब होगा स्थापित ?
एयर कंट्रोल ट्रैफिक रूम और हवा की दशा के बारे में जानकारी देते हुए यूकाडा के अपर सचिव सी रविशंकर ने बताया कि केदारनाथ में जो हेलीसेवा चलती है उसमें बड़ा चैलेंज मौसम का है वहां एक दम से मौसम बदलता है। उसे डिसेबिलिटीज होने की काफी आशंका बढ़ जाती है। उन्होंने कहा की उसको इंप्रूव करने के लिए हमने एंटायर वैली में कैमरे स्थापित किए हैं जिससे रियल टाइम फीड पायलट के फोन में भी और जो कंपनी के कंप्यूटर हैं उनमें भी स्क्रीन पर दिख जाता है।

जिसके आधार पर वह फ्लाइंग कर सकते हैं। और यह मददगार साबित हो रहा है। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त हमने एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को भी अनुरोध किया है कि यहां पर एक एटीसी स्थापित किया जाए। इसके लिए हमने पिछले साल भी अनुरोध किया था और वह उसमें कार्य कर रहे हैं अगर वह हो जाता है तो हेलिसेवा ओर भी सेफ होगी।

कांग्रेस ने भी की कंट्रोल रूम की मांग
एयर ट्रैफिक कंट्रोल रूम की मांग अब कांग्रेस भी करने लगी है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष का कहना है की इस कंट्रोल रूम के बिना लोगों की जान को खतरा रहता है । इसलिए सबसे पहले सरकार को एयर कंट्रोल रूम स्थापित करने का काम करना चाहिए। उन्होंने कहा की उड़ानों की सीमा तय होनी चाहिए और वो तभी होगा जब सरकार सही तरीके से चीजों का रोडमैप बनाएगी।

सरकार कर रही है कोशिश
भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान का कहना है की अगर कहीं पर भी कंट्रोल रूम स्थापित होते हैं वो डीजीएसी के मानकों के अनुरूप स्थापित किए जाते हैं। उन्होंने कहा की उत्तराखंड में एयर कनेक्टिविटी बढ़ रही है। सरकार द्वारा हवाई यात्रा व अन्य मुद्दों को लेकर प्रदेश के हित में जो भी हो सकता है उसको पूरा करने के लिए हमारी सरकार केंद्र से भी प्रयास कर रही है।