इस दुर्घटना के बारे में एक ही व्यक्ति है जो सारी जानकारी दे सकता है, जानिए कौन है वह व्यक्ति, की जा रही है बचाने की पूरी कोशिश
देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत का गत दिवस को एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में निधन हो गया. यह दुर्घटना तमिलनाडु में कुन्नूर के पास नीलगिरी की पहाड़ियों में हुआ. वायुसेना के इस हेलीकॉप्टर में क्रू सदस्यों सहित कुल 14 लोग सवार थे, जिसमें सीडीएस बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत भी शामिल थे. इस हेलीकॉप्टर दुर्घटना में सीडीएस बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत सहित 13 लोगों का निधन हो गया. वायुसेना ने बुधवार शाम करीब 6 बजे जनरल रावत के निधन की पुष्टि की. इस हेलीकॉप्टर में और भी कई वरिष्ट सैन्य अधिकारी मौजूद थे और सभी का इस दुर्घटना में निधन हो गया. इस हादसे में सिर्फ एक व्यक्ति ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह जिंदा बचे हैं और अभी अस्पताल में मौत से जिंदगी की जंग लड रहे हैं. इस दुर्घटना की जांच होगी और रिपोर्ट भी सामने आएगी, लेकिन सही मायनों में इस हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बारे में जानकारी ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ही दे पाएंगे.
बुधवार को कुन्नूर के पास दुर्घटनाग्रस्त हुए MI-17V5 हेलीकॉप्टर में सवार वरुण सिंह का फिलहाल इलाज चल रहा है और वह ठीक होने के बाद उड़ान और इस हेलीकॉप्टर हादसे के संबंध में विवरण साझा कर सकते हैं. अभी देशवासी उनके जल्द से जल्द ठीक होने की कामना कर रहे हैं. अपनी वीरता के लिए शौर्य चक्र प्राप्त करने वाले, ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का तमिलनाडु में वेलिंगटन के सैन्य अस्पताल में इलाज चल रहा है. बता दे कि भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया है कि कैप्टन वरुण सिंह को लाइफ सपोर्ट सिस्टम में रखा गया है और उन्हें बचाने की पूरी कोशिश की जा रही है
हेलीकॉप्टर के ब्लैक बॉक्स उसके अवशेषों तथा अन्य पहलुओं की फोरेंसिक जांच के बाद दुर्घटना के विवरण का पता चलेगा, लेकिन वरुण सिंह ही सही मायनों में ठीक होने पर उड़ान के अंतिम मिनटों का प्रत्यक्ष विवरण दे सकते हैं. यह पता चला है कि वरुण सिंह को हाल ही में विंग कमांडर से ग्रुप कैप्टन के रूप में पदोन्नत किया गया था और वह हाल ही में डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज (डीएसएससी) में शामिल हुए थे.
लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) स्क्वाड्रन में पायलट, वरुण सिंह 12 अक्टूबर, 2020 को फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम (एफसीएस) और प्रेशराइजेशन सिस्टम (लाइफ सपोर्ट एनवायरनमेंट कंट्रोल सिस्टम) के बड़े सुधार के बाद, अपने मूल आधार से दूर, एलसीए में सिस्टम चेक सॉर्टी उड़ा रहे थे. एक आधिकारिक बयान के अनुसार, उड़ान के दौरान ऊंचाई पर कॉकपिट का प्रेशराइजेशन विफल हो गया. हालांकि, वरुण सिंह ने विफलता की सही पहचान की और लैंडिंग के लिए कम ऊंचाई पर उतरने की पहल की. उतरते समय, उड़ान नियंत्रण प्रणाली विफल हो गई और इससे विमान का नियंत्रण पूरी तरह से समाप्त हो गया. यह एक अभूतपूर्व आपदाजनक विफलता थी, जो कभी नहीं हुई थी.
इस स्थिति में वह तेजी से नीचे आया और उसे कंट्रोल करना मुश्किल हो रहा था. जीवन और मृत्यु के बीच फंसे अधिकारी ने अत्यधिक शारीरिक और मानसिक तनाव में होने के बावजूद संयम बनाए रखा और विमान पर नियंत्रण हासिल कर लिया, जिससे असाधारण उड़ान कौशल का प्रदर्शन हुआ. अपने स्वयं के जीवन के लिए संभावित खतरे का सामना करते हुए, उन्होंने लड़ाकू विमानों को सुरक्षित रूप से उतारने के लिए असाधारण साहस और कौशल का प्रदर्शन किया.
वरुण सिंह को उनकी उच्च स्तर की कर्तव्य-निष्ठा, संयम और त्वरित निर्णय लेने के लिए शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था. यहां तक कि अपने जीवन के जोखिम के बीच उन्होंने न केवल एक एलसीए के नुकसान को टाला, बल्कि नागरिक संपत्ति और जमीन पर आबादी की रक्षा भी की.
बात करें बुधवार को हुए हेलीकॉप्टर दुर्घटना की तो इसमें क्रू सदस्यों के अलावा सीडीएस जनरल बिपिन रावत, मधुलिका रावत, ब्रिगेडियर एसएस लिद्दर, लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह, नायक गुरसेवक सिंह, नायक जितेंद्र कुमार, लांस नायक विवेक कुमार, लांस नायक बी साई तेजा और हवलदार सतपाल भी सवार थे और ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह जो क्रू का हिस्सा था उनके अलावा सभी का निधन हो गया.
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