नवनिर्वाचित नगर पंचायत अध्यक्ष ने चार्ज संभालने से किया इनकार, इस मांग पर अड़े भंडारी

ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण की अनदेखी को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं. लेकिन अब निकाय चुनाव के बाद एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. जहां नगर पंचायत अध्यक्ष पद पर नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधि ने कुर्सी संभालने से ही मना कर दिया है.
नगर पंचायत अध्यक्ष ने अनोखे अंदाज में उठाई आवाज
दरअसल निकाय चुनाव में गैरसैंण से मोहन भंडारी ने नगर पंचायत अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की है. लेकिन 6 फरवरी को शपथ लेने के बाद से वह अभी तक अपनी कुर्सी पर नहीं बैठे हैं. इसकी वजह भंडारी ने ये बताई है कि गैरसैंण में कोई स्थाई एसडीएम नहीं है. जिसको लेकर मोहन भंडारी ने फैसला किया है कि जब तक गैरसैंण में स्थाई एसडीएम की नियुक्ति नहीं होती तब तक वो अपनी कुर्सी पर नहीं बल्कि स्टूल पर बैठकर अपना कार्य करेंगे.
गैरसैंण में लंबे समय से नहीं है स्थाई SDM
आपको बता दें कि गैरसैंण में लंबे समय से कोई स्थाई एसडीएम और तहसीलदार नहीं है. कर्णप्रयाग एसडीएम को गैरसैंण की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है. नवनिर्वाचित नगर पंचायत अध्यक्ष मोहन भंडारी ने कहा कि गैरसैंण उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी होने के बावजूद यहां पर दो शीर्ष अधिकारियों का न होना दुर्भाग्यपूर्ण है.
कांग्रेस ने लगाया गैरसैंण की अनदेखी का आरोप
वहीं इस मामले को लेकर कांग्रेस ने भी सरकार को घेरने का काम किया है. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट ने कहा कि भाजपा सरकार ने हमेशा से ही गैरसैंण के साथ सौतेला व्यवहार किया है. वहीं इस पूरे मामले पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का कहना है कि जहां भी कांग्रेस और निर्दलीय प्रत्याशी जीत कर आए हैं उनका अधिकार है अपनी आवाज को उठाना. भाजपा सरकार हर क्षेत्र के विकास के लिए काम कर रही है
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