मंत्री जी को बचा रही है पुलिस? तहरीर में नाम होने के बाद भी नहीं लिखा मुकदमा, आखिर किसका है दबाव

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कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल और युवक के बीच मारपीट का वीडियो वायरल होने के बाद राजनैतिक गलियारों में मामला गरमा गया है। जिसके बाद सीएम धामी ने मामले में निष्पक्ष जांच के आदेश दिए हैं।

मामले में कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के गनर गौरव राणा ने ऋषिकेश कोतवाली में सुरेंद्र नेगी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। गौरव राणा ने तहरीर में कहा की सुरेंद्र सिंह नेगी व धर्मवीर द्वारा मंत्री की सरकारी गाड़ी के बगल में अपनी गाड़ी लगाते हुए मंत्री और उनके साथ मारपीट का प्रयास किया गया। जिसके साथ गौरव राणा ने सुरेंद्र नेगी पर सरकारी काम में बाधा पहुंचाने का भी आरोप लगाया है।


सुरेंद्र सिंह ने कराया मुकदमा दर्ज
मामले में दूसरे पक्ष के सुरेंद्र सिंह नेगी ने भी ऋषिकेश कोतवाली में कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, पीआरओ कौशल बिजल्वाण, और गनर गौरव राणा के खिलाफ तहरीर दी है। जिसके बाद ऋषिकेश पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। मामले में हैरान कर देने वाली बात ये सामने आई है कि तहरीर में मंत्री, गनर और कौशल बिजल्वाण (पीआरओ ) का जिक्र किया गया है।


सवालों के घेरे में पुलिस प्रशासन
बावजूद इसके मुकदमा केवल पीआरओ के खिलाफ नामजद किया गया है। जिसके बाद पुलिस साफतौर से संदेह के घेरे में आ गई है कि क्यों मंत्री जी और गनर के खिलाफ मुकदमा नामजद नहीं किया गया है। आखिर पुलिस किसके दबाव में है किसका डर पुलिस को सता रहा है? तहरीर में नाम होने के बाद भी क्यों कैबिनेट मंत्री और गौरव राणा (गनर) के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है।

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