इन 2 नामी नेताओं ने छोड़ा भाजपा का दामन, जल्द मिला सकते हैं कांग्रेस से हाथ?

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अंकुर सक्सेना,हल्द्वानी।उत्तराखंड में आगामी विधानसभा चुनाव बिल्कुल सिर पर खड़े हैं लेकिन उससे पहले ही उत्तराखंड के सियासी गलियारों में एक बार फिर से भूचाल आ चुका है। जिसकी वजह से सत्ताधारी पार्टी के खेमे में काफी भारी नुकसान पहुंचा हैै, जानकारी के अनुसार बता दे कि उत्तराखंड भाजपा के खेमे में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले एक भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है,क्योंकि भाजपा के कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के द्वारा अपना इस्तीफा दे दिया है।वहीं दूसरी ओर कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के समर्थक रायपुर विधायक उमेश सिंह ने भी अपना इस्तीफा दे दिया है।अब इसमें सोचने वाली बात नहीं की भाजपा के दोनों नामी नेता जिस प्रकार से आगामी विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के खेमे को छोड़कर चले गए हैं ऐसे में कहीं ना कहीं पर भाजपा को काफी करारी चोट मिली है। लेकिन जिस प्रकार से इन दोनों नेताओं ने भाजपा का दामन छोड़ा है।

इसी वजह जानकर भी आप हैरान हो जाएंगे क्योंकि इन दोनों नेताओं के भाजपा का दामन छोड़ने की असली वजह इन दोनों की पार्टी को लेकर काफी लंबे समय से नाराज की बताई जा रही है। और इन दोनों नामी नेताओं के द्वारा भाजपा का दामन छोड़ने को लेकर सुबोध उनियाल बयान देंगे। भाजपा के यह दोनों नेताओं ने इस समय जैसे ही भाजपा का दामन छुड़ा है इसे देखते हुए यह तो नजर आ सकता है कि भाजपा में अंदरूनी ही फूट काफी चल रही है,

जहां पर भाजपा का दामन छोड़कर इससे पहले वापस कांग्रेस के खेमे में यशपाल आर्य आ चुके हैं।वहीं उनके साथ गए हरक सिंह रावत ने भी अब भाजपा का दामन छोड़ दिया है और ऐसे में भविष्य में देखने वाली बात होगी कि भाजपा का दामन छोड़ने के बाद हरक सिंह रावत और उमेश सिंह काऊ कांग्रेस का हाथ थामेंगे क्योंकि यशपाल आर्य और उनके पुत्र संजीव आर्य के भाजपा का दामन छोड़कर कांग्रेस का हाथ थामने के समय भी उमेश सिंह काऊ और हरक सिंह रावत को आर्य पिता पुत्र के साथ देखा गया था लेकिन उस समय इन दोनों ने कांग्रेस में जाने से साफ मना कर दिया था।

और कहा था कि भाजपा को छोड़कर वह कहीं नहीं जाने वाले हैं। लेकिन आचार संहिता लगने से कुछ समय पहले ही इन दोनों नामी नेताओं ने भाजपा को करारा झटका दिया है और सूत्रों के हवाले से खबर मिल रही है कि यह दोनों नेता एक बार फिर कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं ।

यदि यह दोनों नेता कांग्रेस में शामिल होते हैं तो उत्तराखंड कांग्रेस को आगामी विधानसभा चुनाव में काफी मजबूती मिलने वाली है और ऐसा देखा भी आ सकता है कि कांग्रेस परिवार का उनसे बिछड़ा हुआ एक और साथी एक बार फिर उनके साथ कांग्रेस में वापस आ गया और साथ ही अपने साथ एक भाजपा के मेहमान को भी लेकर आ गया। जहां इन दोनों नेताओं के भाजपा छोड़ने से भाजपा को काफी करारी चोट मिली है वहीं इन दोनों के कांग्रेस ज्वाइन करने से कांग्रेस को काफी मजबूती मिलने वाली है।