आपदा के कारण हुए नुकसान की कुमाऊं कमिश्नर ने दी जानकारी
राज्य में लगातार तीन दिन तक हो रही बारिश की वजह से काफी प्रभाव पड़ा है और बारिश ने राज्य के दोनों मंडल कुमाऊं और गढ़वाल में काफी हाहाकार मचाया है लेकिन इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सबसे ज्यादा प्रभाव कुमाऊं मंडल में पड़ा पड़ा है जिसकी जानकारी कुमाऊँ कमिश्नर सुशील कुमार ने दी है। बता दें कि आपदा से सबसे ज्यादा नुकसान और मौतें नैनीताल के अलग-अलग इलाकों में हुई है. आज भी एक ही परिवार के 6 लोगों की मलबे में दबकर मौत हो गई।बता दें कि आपदा के बाद सरकार द्वारा नुकसान का आंकड़ा जारी किया है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार सरकारी संपत्ति को दो हजार करोड़ के नुकसान का आंकलन किया गया है।
साथ ही कुमाऊं में 61 लोगों की मौत हुई है। इसी के साथ 4 लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं।जानकारी मिली है कि आपदा में 36 घायलों को अब तक रेस्क्यू किया गया है। एयर फोर्स के 7 और 1 निजी हेलीकॉप्टर राहत कार्य में लगाए गए हैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ सहित आर्मी की 3 बटालियन रेस्क्यू कार्य में जुटी हुई है। मोटर मार्ग से 8315 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। साथ ही बिजली, पेयजल और संचार सेवाएं भी कई जगह ध्वस्त हो गई हैं।
हल्द्वानी मंडी में कुमाऊँ का खाद्यान्न सेंटर बनाया गया है। बिहार के 8 लोगों के शवों को उनके घर भेजा जा रहा है। कुमाऊँ मंडल में दो राष्ट्रीय राजमार्ग अब भी बंद है। जिससे लोगों को आवाजाही में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।वहीं बता दें कि आपदा से 12 पुलों को नुकसान हुआ है। सभी जिलाधिकारियों को 10 करोड़ की राशि दी गई है। सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन अभी भी जारी है। कुमाऊँ कमिश्नर सुशील कुमार ने नुकसान की जानकारी दी है। टीमों द्वारा रेस्क्यू जारी है और पीड़ितों को खाद्य सामग्री पहुंचाई जा रही है। साथ ही टीमों का बचाव कार्य जारी है।
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