नकल रोकने को बनेगा सख्त कानून, अब नहीं बचेंगे माफिया
उत्तराखंड में पहली बार अब नकल रोकने के लिए कड़ा कानून बनाने की तैयारी है। सरकार इस संबंध में एक नया कानून लाने की तैयारी कर रही है। अमर उजाला में प्रकाशित एक समाचार के मुताबिक राज्य सरकार ने इस कानून का मसौदा भी तैयार कर लिया है।
दरअसल पिछले दिनों UKSSSC पेपर लीक मामला उजागर होने के बाद राज्य में सरकारी सेवाओं के लिए होने वाली भर्तियां सवालों के घेरे में आ गईं। इसी के चलते सरकार ने अब नकल रोकने के लिए सख्त कानून बनाने की ओर कदम बढ़ा दिया है।
उत्तराखंड सरकार ने ‘सरकारी सेवाओं में नकल निषेध अधिनियम 2022’ तैयार किया है। शासन स्तर पर हुई बैठक में इस अधिनियम के सभी बिंदुओं पर चर्चा हुई। उत्तराखंड में पहली बार लागू होने वाले इस तरह के कानून का ड्राफ्ट तैयार हो गया है। जल्द ही इसे कैबिनेट में लाया जाएगा। कैबिनेट से अप्रूवल के बाद इसे सदन में लाया जाएगा।
कानून में नकल रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की पैरवी की गई है। इसके साथ ही सजा के नए प्रावधान किए जाने की तैयारी भी है। नया कानून बनने के बाद यदि कोई उम्मीदवार नकल करते हुए पकड़ा जाता है तो उसपर जुर्माने के साथ ही दो उसे तीन साल की सजा और परीक्षाओं से दो साल तक डिबार किया जा सकता है।
यही नहीं, यदि किसी संस्था की पेपर लीक करने में कोई भूमिका दिखती है तो भारी भरकम जुर्माने के साथ ही सात साल तक की सजा का भी प्रावधान है।
कानून में नकल माफिया पर नकेल कसने की पूरी तैयारी की गई है। नकल माफिया या गिरोह की भूमिका पर दस साल तक सजा के अलावा संपत्ति कुर्की व दस लाख तक जुर्माने का प्रावधान किया जा रहा है। यही नहीं नकल को संज्ञेय अपराध मानते हुए इसे गैर जमानती बनाया जाएगा और इसकी जांच एडिशनल एसपी स्तर के अधिकारी ही करेंगे।
दरअसल हाल ही में UKSSSC पेपर लीक मामला सामने आया और सरकार की सख्ती के बाद एसटीएफ ने इस मामले में 40 से अधिक लोगों को गिरफ्तार भी किया लेकिन कानून में सख्त प्रावधान न होने से इनमें से कई आरोपी जमानत पर बाहर आ गए।
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