हरिद्वार और गढ़वाल सीट पर इस वजह से जीत का अंतर रहा कम, प्रदेश अध्यक्ष ने बताई वजह

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उत्तराखंड में लोकसभा चुनावों में पांचों सीटों पर भाजपा ने एक बार फिर से कमल खिलाया है। लेकिन दो सीटों पर जीत का अंतर ज्यादा नहीं है। जिसको लेकर अब प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का बयान सामने आया है। जिसमें उन्होंने बताया है कि हरिद्वार लोकसभा सीट और गढ़वाल सीट पर जीत का अंतर कम क्यों रहा।

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प्रदेश अध्यक्ष ने बताई जीत का अंतर कम होने की वजह
उत्तराखंड में पांचों सीटों पर भाजपा की जीत के बाद भी हरिद्वार और गढ़वाल सीट पर जीत का अंतर कम होने की चर्चाएं हो रही हैं। इसके साथ ही इस बात की भी चर्चा हो रही है कि कैबिनेट मंत्री अपनी विधानसभाओं में ज्यादा मत पार्टी को नहीं दिला पाए। प्रदेश अध्यक्ष ने जीत के अंतर कम रहने की वजह हरिद्वार और गढ़वाल में नए प्रत्याशियों के चुनाव लड़ने को बताया है।

हारी हुई विधानसभाओं के लिए की जाएगी समीक्षा

प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का कहना है कि 10 विधानसभाओं में बीजेपी की हार हुई है। जिन विधानसभाओं में हम हारे हैं उन सीटों की समीक्षा पार्टी द्वारा की जाएगी और इसके लिए कमेटी का गठन भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं ने पूरी मेहनत से काम किया है। इसके लिए 90 प्रतिशत से अधिक वाले बूथ अध्यक्षों को सम्मानित भी किया जाएगा। इसके साथ ही जिन विधानसभाओं में 70 प्रतिशत से अधिक वोट मिले हैं वहां के विधायकों को भी सम्मानित किया जाएगा।

हरिद्वार और गढ़वाल सीट पर इतना रहा अंतर
गढ़वाल लोकसभा सीट पर अनिल बलूनी (भाजपा) को 58.6% यानी 4,32,159 वोट मिले। गणेश गोदियाल (इंडियन नेशनल कांग्रेस) को 36.4% यानी 2,68,656 वोट मिले। जीत का अंतर 163503 वोटों का है। हरिद्वार सीट पर त्रिवेंद्र रावत (भाजपा) को 50.2% यानी 6,53,808 मिले हैं। वीरेंद्र रावत (इंडियन नेशनल कांग्रेस) को 37.6% यानी 4,89,752 वोट मिले हैं। जीत का अंतर 164056 वोटों का है।