कोटाबाग प्रमुख के सहारे इन 2 क्षेत्रो को साधने के प्रयास में कांग्रेस, इस नेता का रहा विशेष योगदान

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कालाढुंगी एसकेटी डॉट कॉम

कोटाबाग के ब्लाक प्रमुख रवि कन्याल के कांग्रेस में जाने के बाद हालांकि बहुत बड़ा नुकसान भारतीय जनता पार्टी को नहीं हुआ है लेकिन कॉन्ग्रेस को काफी कुछ लाभ होने की उम्मीद है। ब्लॉक प्रमुख रवि कन्याल के सहारे कालाढूंगी के चकलुवा क्षेत्र एवं नैनीताल विधानसभा क्षेत्र के कोटाबाग ब्लॉक के हिस्सों में उनके सहयोग से अपनी बढ़त बनाती हुई नजर आ रही है।

सूत्रों के अनुसार ब्लाक प्रमुख रवि कन्याल का चकलूवा के बजाय अपने निर्वाचन क्षेत्र बगड़ में काफी ज्यादा प्रभाव माना जाता है और यह क्षेत्र नैनीताल विधानसभा क्षेत्र में शामिल है। उन्हें कांग्रेस में शामिल करने में नैनीताल से कांग्रेस के प्रत्याशी संजीव आर्य का महत्वपूर्ण योगदान माना जा रहा है। संजीव आर्य के प्रयासों के चलते ही उन्हें ब्लाक प्रमुख बनने में सहयोग मिला था। उनके संजीव आर्य से काफी नजदीकी संबंध भी बताए जा रहे हैं।

कल का दिन कांग्रेश के लिए आर्य पिता- पुत्र का माना जाएगा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य ने जहां बरेली रोड में अपने खास समर्थक महेंद्र सिंह नेगी के सैकड़ों समर्थकों को हरीश रावत के पक्ष में खड़ा कर दिया जिससे हरीश रावत की स्थिति भी अब बरेली रोड में मजबूत मानी जा रही है। महेंद्र नेगी के साथ सैकड़ों लोगों ने कांग्रेस की सदस्यता ली ।

वहीं शाम को पुत्र संजीव आर्य का जलवा देखा जा सकता था हालांकि संजीव आर्य इस कार्यक्रम में नहीं पहुंचे थे वह अपने विधानसभा क्षेत्र में लोगों के साथ जनसंपर्क में व्यस्त रहे हैं। उन्होंने विशेष लाइजनिंग करके से रवि कन्याल को महेश शर्मा के पक्ष में खड़ा करवा दिया हालांकि चकला और कालाढूंगी में भाजपा का भी अपना काफी बड़ा नेटवर्क है लेकिन महेश शर्मा के पक्ष में रवि कन्याल के खड़े होने से निश्चित रूप से उनके वोटों में बढ़ोतरी होने की संभावना बढ़ गई है।

असल लाभ तो कांग्रेस को नैनीताल विधानसभा के कोटाबाग ब्लॉक के पर्वती क्षेत्रों में मिलेगा जहां रवि कन्याल का ज्यादा दबदबा बताया जाता है पुलिस थाना की संजीव आर्य का क्षेत्र में पहले से ही काफी जनाधार माना जाता है लेकिन अब रवि कन्याल के साथ करीब आधा दर्जन प्रधानों और एक दर्जन बीडीसी मेंबरों के कांग्रेस के पाले में आने से निश्चित रूप से संजीवन क्षेत्र में अपनी बढ़त को और मजबूत करते हुए दिखाई दे रहे हैं। चुनावी माहौल में यह नहीं कहा जा सकता है कि ब्लाक प्रमुख के साथ जितने भी प्रधान एवं बीडीसी मेंबर जुड़े हुए हैं उनका कितना प्रभाव वोटो प्रभावित कर सकता है तथा उनके खिलाफ लड़े हुए लड़े हुए प्रधान एवं विदेशी प्रत्याशियों का अपने गांव एवं क्षेत्र में कितना प्रभाव है तथा वह इनके साथ सहयोग करते हैं या इनके कांग्रेस में जाने की वजह से वह दूसरे पाले में चले जाने की भी संभावना रहती है। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि रवि कन्याल के आने से कांग्रेस को मनोवैज्ञानिक लाभ जरूर मिलेगा और उनके मत प्रतिशत में भी बढ़ोतरी होगी।