पीएम मोदी की पहल से अपने अस्तित्व में लौटेगी चौरासी कुटिया, जानें क्या है इस जगह का इतिहास
योगनगरी ऋषिकेश में गंगा तट पर स्थित महर्षि महेश योगी की विरासत चौरासी कुटिया फिर से अपने पुराने अस्तित्व में लौटेगी। पीएम मोदी की पहल के बाद अब चौरासी कुटिया का उद्धार होने जा रहा है।
महर्षि महेश योगी की विरासत चौरासी कुटिया अपने पुराने अस्तित्व में लौटेगी। पीएम मोदी की पहल से चौरासी कुटिया का पुनरोद्धार हो रहा है। इसके लिए शासन स्तर पर कवायद शुरू हो गई है। राज्य का पर्यटन, वन महकमा और केंद्र सरकार का आयुष मंत्रालय इस पर काम करेंगे।
60 के दशक में किया गया था चौरासी कुटिया का निर्माण
ऋषिकेश के स्वर्गाश्रम क्षेत्र में महर्षि महेश योगी ने 60 के दशक में शंकराचार्य नगर जिसे चौरासी कुटिया के नाम से भी जाना जाता है उसकी स्थापना की थी। ये चौरासी कुटिया आज बदहाल स्थिति में है।
पीएम मोदी ने इस आश्रम की स्थिति के बारे में जानने के बाद उत्तराखंड सरकार को इसके पुनरोद्धार की योजना पर काम करने का आग्रह किया था। जिसके बाद ये फैसला लिया गया है।
बीटल्स आश्रम के नाम से भी है प्रसिद्ध
18 एकड़ भूमि में फैला बीटल्स आश्रम ऋषिकेश के गंगा नदी के किनारे बसे राजाजी नेशनल पार्क के अंदर स्थित है। यहां पर महर्षि महेश योगी द्वारा योग और ध्यान की शिक्षा दी जाती थी। उनके बाद भी यहां ध्यान लगाया जाता है। 60 के दशक का प्रसिद्ध बीटल्स बैंड ब्रिटेन से यहां ध्यान और शांति केेेे लिए पहुंचा था।
उन्होंने यहां पर ध्यान की शिक्षा ली थी। बीटल्स के यहां रहते हुए ग्रुप ने
महर्षि महेश योगी के सानिध्य में 48 गीत लिखे थे। इनमें से 18 गाने उनकी प्रसिद्ध एलबम ‘द व्हाइट’ में शामिल किए गए। इन गानों ने पूरी दुनिया में धूम मचाई। तब से इस स्थान को पूरी दुनिया में बीटल्स की तपस्थली के रूप में भी जाना जाता है। बीटल्सबैंड के प्रशंसक उनके नाम पर आज भी यहां आ रहे हैं।
पीएमओ ने तैयार किया खाका
चौरासी कुटिया के पुनरोद्धार के लिए तैयारी शुरू कर ली गई है। मिली जानकारी के मुताबिक इस संबंध में कई बार पीएमओ स्तर से पत्राचार हो चुका है।
जिसमें पीएमओ को पत्र भेजकर वन विभाग ने जानना चाहा था कि पीएम मोदी चौरासी कुटिया का किस रूप में पुनरोद्धार चाहते हैं। जिसके बाद इस पर पीएमओ द्वारा एक खाका तैयार कर भेजा गया है।
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