कांग्रेस में 2024 की ‘महाभारत’ से पहले ‘भीमकायों’ में युद्ध का बिगुल, आला कमान डैमेज कंट्रोल में जुटा

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उत्तराखंड कांग्रेस में सबकुछ अच्छा नहीं चल रहा है। हालात ये हैं कि कांग्रेस की प्रदेश ईकाई में अब ‘संतुलन’ बनाने के लिए पर्यवेक्षक की तैनाती कर दी गई है। जाहिर है कि 2024 की ‘महाभारत’ से पहले कांग्रेस को अपने ही ‘भीमों’ से लड़ना पड़ेगा।

दरअसल कांग्रेस में न तो नेता की कोई कमी है और नही अंतर्कलह की। हर कांग्रेसी एक नेता है और उसका अपना एक गुट है और उसके लिए दूसरा गुट हमेशा निशाने पर है। अब जो जितना बड़ा नेता उसके पास उतना ही बड़ा अंतर्कलह है।

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‘भीमकायों’ के बीच युद्ध, खिंच गईं तलवारें
हालिया मसला प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा और प्रीतम सिंह जैसे ‘भीमकाय’ के साथ ही देवेंद्र यादव से जुड़ा हुआ है। हालांकि ये ऊपर से देखने में लगता इन तीन नेताओं का मसला है लेकिन कांग्रेसी और कांग्रेस को समझने वाले जानते हैं कि चक चक चकरी घुमाने वाला कोई और भी है। अब इस सीनियर सिटीजन के बारे में तो फिलहाल कोई बात नहीं करेगा लेकिन तलवारें जिन तीन नेताओं के बीच निकलीं हैं वो रिंग में हैं।


कांग्रेस के कद्दावर नेता प्रीतम सिंह ने प्रभारी देवेंद्र यादव को लेकर निशाना साधा। प्रीतम सिंह ने कह दिया कि देवेंद्र सिंह को उत्तराखंड की राजनीति के बारे में कुछ नहीं पता है। अब जाहिर है कि देवेंद्र यादव के बचाव में करण माहरा को आना ही था। ऐसा क्यों हैं ये जानकार समझते हैं।


करन माहरा बचाव में उतरे, रार होगी खत्म
खैर प्रीतम सिंह के देवेंद्र यादव को लेकर दिए गए बयान के बाद करन माहरा को बचाव में उतरना पड़ा लेकिन तब तक प्रीतम सिंह ने दिल्ली दरबार तक अपनी नाराजगी जता दी। इसके बाद तो कांग्रेस का अंदरूनी आपदा नियंत्रण विभाग सक्रिय हुआ। आला कमान ने पीएल पुनिया को इस प्रीतम सिंह और देवेंद्र यादव के बीच रार खत्म कर फिर से प्यार पनपाने का टारगेट दिया गया है।


लेकिन प्रीतम सिंह ने भी साफ कर दिया है कि पुनिया आएं या कोई और। पार्टी में संतुलन नहीं बना तो मुश्किल होगी। अब प्रीतम सिंह किस संतुलन के लिए परेशान हैं और कहां उन्हे दिखता है कि पार्टी अंसतुलित हो रही है इस बारे में वो ही पार्टी को बताएंगे लेकिन मौसम में बढ़ती गर्मी कांग्रेस को भी गर्म कर रही है इसमें दो राय नहीं है।