पंजाब नेशनल के बैंक मैनेजर ने बंद कंपनी के खाते में ट्रांसफर कितने लाख की रकम, मुकदमा दर्ज

Ad
Ad
ख़बर शेयर करें

राज्य में धोखाधड़ी को लेकर दिन पर दिन मामले बढ़ते जा रहे हैं और आज के समय में लोग पैसा कमाने का सबसे आसान तरीका धोखाधड़ी को समझकर हर किसी को ठगने की कोशिश करते हैं लेकिन आज हम आपको ऐसा मामला बताने जा रहे हैं जिसे जानकर आप खुद हैरान हो जाएंगे कि एक बैंक मैनेजर भी पैसों की लालच में आकर बैंक में धोखाधड़ी कर सकता है बता दे कि मामला देहरादून का है यहां पर फर्जी दस्तावेज किसी और ने नहीं, बल्कि बैंक के मैनेजर ने ही तैयार किए और कंपनी के बंद खाते में 93 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए।इस मामले में डालनवाला कोतवाली में शिकायत के बाद मुकदमा दर्ज किया गया है।

पुलिस ने पंजाब नेशनल बैंक की रेसकोर्स शाखा के पूर्व चीफ मैनेजर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। मुकदमा कोर्ट के आदेश के बाद दर्ज किया गया है। शिकायतकर्त्ता संजय सहगल निवासी रेसकोर्स निदेशक मैसर्स डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड ने बताया कि उनका बैंक खाता पंजाब नेशनल बैंक रेसकोर्स में है। उन्होंने सरकारी ठेके के लिए बैंक से लोन लिया था। इसके लिए उनकी तीन बैंक गारंटियां बनी थी।बैंक गारंटी खत्म होने के बाद उन्होंने तीनों खातों को आठ नवंबर और 23 नवंबर 2016 को बंद कर दिया था। तीनों बैंक गारंटी के एवज में बैंक की ओर से उन्हें 24 लाख 31 हजार रुपये मार्जिन मनी भी दी गई।

इसके बाद एक अन्य कंपनी अपनी बैंक गारंटी को कैश कराने के लिए बैंक पहुंची थी, लेकिन कंपनी की बैंक गारंटी की समय सीमा समाप्त होने के कारण बैंक ने उन्हें रकम देने से मना कर दिया।
उस समय बैंक के चीफ मैनेजर रहे बलदेव सिंह ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर उनके बंद खातों का इस्तेमाल कर उक्त कंपनी के खातों में 93 लाख रुपये डाल दिए और यह धनराशि संजय सहगल के खाते में दर्शा दी। इसके बाद चीफ मैनेजर ने कोर्ट में केस दायर कर संजय सहगल के घर की नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर दी। संजय सहगल को जब इस बारे में पता लगा तो उन्होंने डेब्ट रिकवरी ट्रब्यूनल (DRT) कोर्ट में केस दायर किया।

संजय सहगल की ओर से बैंक की ओर से मिली एनओसी और बैंक गारंटी खाते बंद करने के बाद बैंक की ओर से उनके खाते में भेजी गई धनराशि सहित तमाम दस्तावेज कोर्ट में प्रस्तुत किए। 28 दिसंबर 2020 को कोर्ट ने फैसला सुनाया। शिकायतकर्त्ता का आरोप था कि आरोपित ने धोखाधड़ी के लिए 2014 में बैंक के चीफ मैनेजर के फर्जी हस्ताक्षर किए। डालनवाला कोतवाली के इंस्पेक्टर एनके भट्ट ने बताया कि कोर्ट के आदेशों के बाद बैंक के पूर्व चीफ मैनेजर बलदेव सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है।