TCS Manager Suicide video: गले में फंदा, आंख में आंसू…मौत से पहले TCS मैनेजर के आखिरी शब्द, पत्नी ने कर दिया तबाह

Manav Sharma News: आगरा में पत्नी के उत्पीड़न से तंग आकर टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के रिक्रूटमेंट मैनेजर के पद पर तैनात मानव शर्मा ने आत्महत्या कर ली। जान देने से पहले मानव ने एक वीडियो बनाया, जिसमें उन्होंने कहा कि ‘प्लीज मर्दों की सोचो, बेचारे बहुत अकेले हैं…’। इसके बाद फंदे पर लटक कर जान दे दी। ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
video link – https://youtu.be/j0PJMS3ONtw?si=GU0A4dRbGBq47jIS
6.57 मिनट के वीडियो में बयां किया दर्द
डिफेंस कॉलोनी, सदर के रहने वाले मानव शर्मा ने मरने से पहले 6.57 मिनट का वीडियो बनाया। गले में फंदा और आंख में आंसुओं के सैलाब के साथ मानव ने पत्नी से मिला वो दर्द बयां किया, जो वे शादी के बाद से झेलते आ रहे थे। मानव ने सबसे पहले द लॉ नीड टू प्रोटेक्ट मैन का जिक्र किया। सिस्टम से अपील करते हुए कहा प्लीज मर्दों के बारे में कोई तो बात करे, बेचारे बहुत अकेले हैं। रोते हुए कहा कि कानून में युवाओं को सुरक्षित करने की जरूरत है, नहीं तो कोई बचेगा ही नहीं, जिस पर इल्जाम लगा सको।
पत्नी के चरित्र पर भी की टिप्पणी
भावुक हुए मानव ने कहा कि ‘मैं अपना बता देता हूं…सबका सेम है। इसके बाद पत्नी के चरित्र पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि ‘मुझे जाने से दिक्कत नहीं है, मैं जाना चाहता हूं, प्लीज मर्दों के बारे में कोई तो बात करे, बेचारे बहुत अकेले हैं।’
पहले भी कर चुका है जान देने की कोशिश
वे आगे कहते हैं कि ‘पापा सॉरी, मम्मी सॉरी, अक्कू सॉरी…मेरे जाते ही सबकुछ ठीक हो जाएगा, मुझे जाने दो। मैं कल्पना कर रहा हूं, कैसे मरते हैं। मैंने पहले भी आत्महत्या की कोशिश की। इसके बाद मानव ने अपनी कटी हुई कलाई दिखाई।
मां-बाप को बिल्कुल टच नहीं करना
वीडियो के अंत में मानव ने कहा कि ‘चलो ठीक है, प्लीज आउट, कोई फर्क नहीं पड़ता है, तुम्हारा लॉ आर्डर…तुम्हारा लॉ आर्डर। जाएंगे कोई दिक्कत नहीं है, मेरे मां-बाप को बिल्कुल टच मत करना। इन्हीं शब्दों के साथ वीडियो पूरा हो जाता है।
आज के समय में महिलाओं को लेकर कई कानून और कानूनी धाराएं बनी हुई है यदि कोई पुरुष किसी महिला के ऊपर अत्याचार या फिर उत्पीड़न करता है तो उसको लेकर लड़कों के ऊपर तुरंत मुकदमे दर्ज हो जाते हैं लेकिन आज के समय में समाज के सामने एक उलट चेहरा भी सामने आ रहा है जहां पर लड़कियों से ज्यादा लड़कों के ऊपर उत्पीड़न के मामले सामने आ रहे हैं जिसके चलते लड़के अपनी परेशानियां किसी के सामने बयान नहीं कर सकते और जिसके चलते वह अपनी आत्महत्या जैसे कदम उठा रहे हैं ।। सोशल मीडिया पर अब तक तो न जाने ऐसे कितने मामले सामने आए जिनमें लड़कों के द्वारा अपने जीवनसाथी के ऊपर मानसिक उत्पीड़न या अवैध संबंध के चलते आत्महत्या के मामले सामने आए हैं लेकिन अब तक ऐसे कितने मामले जो कभी सामने ही नहीं आ पाए जिनमे लड़कों के द्वारा आत्महत्या तो कर ली गई है लेकिन उन्हें कभी किसी के सामने या फिर सोशल मीडिया पर उन्हें नहीं बताया। और अब तक आत्महत्या के जैसे न जाने कितने मामले लड़कों के सामने आ चुके हैं लेकिन आज के समय में कुछ लड़के जब अपनी जिंदगी से कुछ ज्यादा परेशान हो जाते हैं तंग आने के बाद सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी आत्महत्या से पहले की वीडियो बनाकर पोस्ट करते हैं फिर अपनी आत्महत्या कर लेते हैं लेकिन इसी बीच यह एक सोचने वाली बात है क्या फिर हमारा सिस्टम इतना सो चुका है कि उनके सामने इतने मामले आने के बावजूद भी वह कानून में फेरबदल कर कर लड़कों के लिए कोई नए कानून नहीं ला सकते क्योंकि जहां लड़कियों के लिए उनकी सुरक्षा को लेकर कानून मौजूद है वही उसके विपरीत लड़कों के लिए उनकी सुरक्षा को लेकर एक भी कानून मौजूद नहीं है उदाहरण के तौर पर यदि कोई लड़की किसी लड़के के ऊपर झूठ उत्पीड़न का या फिर उसके परिवार के ऊपर दहेज का मुकदमा दर्ज करवा दे तो लड़के के परिवार और लड़के की उम्र बीत जाएगी उसको सच साबित करते-करते कि उनके द्वारा किसी भी प्रकार की दहेज की मांग या फिर उत्पीड़न नहीं किया गया लेकिन उसी की विपरीत अगर कोई लड़का किसी लड़की या उसके परिवार के ऊपर मुकदमा दर्ज कराया तो ऐसा कोई मुकदमा दर्ज होता ही नहीं है आज के समय में लड़के अपने दिल की बात जब बयान नहीं कर पाते हैं तो सोशल मीडिया के माध्यम से वह अपनी वीडियो बनाकर पोस्ट कर रहे हो और अपनी जान दे दे रहे हैं तो कहीं ना कहीं पर अब समाज में बदलाव भी जरूरी है कि जो कानून महिलाओं के लिए बने हुए हैं सरकार को एक पहल करनी चाहिए कि लड़कों के लिए भी उनकी सुरक्षा के तहत कानून बनाए जाए। जा महिलाओं की सुरक्षा के लिए आज हमारे समाज में जब कैंडल मार्च होता है तो लड़के सबसे ज्यादा भागीदारी करते हैं लेकिन क्या लड़कों की या फिर पुरुषों की सुरक्षा के लिए महिलाओं के द्वारा कभी कैंडल मार्च निकाला जाएगा ऐसे मामले सामने आने के बाद एक सवाल उठता है की क्या लड़का होना एक अपराध है? हमारे समाज में जहां एक और इक्वलिटी की बात की जाती है जहां एक और महिलाएं आज पुरुषों के कंधों से कंधा मिलाकर उनका साथ दे रही है जहां इक्वलिटी की बात हो रही है क्या सिर्फ एक ही तरफ की बात की जाएगी क्या फिर पुरुषों के लिए कभी कोई कानून बनेगा या उनकी सुरक्षा के लिए कभी कदम कोई उठाए जाएंगे
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