तो क्या साइबर अटैक और फिरौती की सीएम को नहीं दी गई थी जानकारी ?, उठ रहे कई सवाल

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उत्तराखंड में साइबर हमले के चलते चार दिन तक प्रदेश का सारा सरकारी काम ठप पड़ा था। अब ये बात सामने आ रही है कि साइबर्स अटैक करने वालों ने सबसे पहले पुलिस के क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम पर हमला किया। इतना ही नहीं अपराधियों ने बिटकॉइन में फिरौती भी मांगी थी। जिसके बाद कई सवाल उठ रहे हैं। जिसमें सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या सीएम धामी को भी इसकी जानकारी नहीं दी गई थी ?


प्रदेश में तीन अक्टूबर को उत्तराखंड में साइबर हमला हुआ था। जिसके बाद चार दिन तक सरकारी कामकाज ठप रहा। अब चार दिन बाद ये बात सामने आ रही है कि अपराधियों ने पुलिस CCTNS पर हमला कर फिरौती की मांग की थी। उन्होंने बिटकॉइन में फिरौती मांगी थी।

ये जानकारी सामने आने के बाद कई सवाल उठ रहे हैं। जैसे साइबर हमले की बात क्यों छुपाई गई ? क्या इस साइबर हमले की जानकारी सीएम पुष्कर सिंह धामी को भी नहीं दी गई थी। साइबर हमले की बात को ना स्वीकार कर मालवेयर की बात क्यों की जा रही थी ? क्या सारा डाटा सुरक्षित है या नहीं ?

मेल कर हैकर्स मांग रहे थे फिरौती
मंगलवार को नीलेश आनंद भरणे पुलिस महानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था और सेंथिल अब्दई कृष्ण राज एस, पुलिस उप महानिरीक्षक एसटीएफ ने प्रेसवार्ता कर इस मामले के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की सरकारी ऑनलाइन सेवाएं सुचारू होने लगी हैं। 2 अक्टूबर को 186 से अधिक सरकारी वेबसाइट्स को अपराधियों ने हैक कर लिया था।

हैकर्स द्वारा मेल करके फिरौती मांगी गई थी। इस मामले में साइबर थाना देहरादून में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि हैकर्सपुलिस के CCTNS के जरिए डाटाबेस सेंटर तक पहुंचे थे। क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम के जरिए हैकिंग हुईथी और [email protected] और [email protected] से फिरौती के लिए मेल आई थी।

साइबर हमला कहां से हुआ नहीं चल सका पता ?
हालांकि पांच दिन बाद भी इस बारे में कोई भी जानकारी हाथ नहीं लग सकी है कि साइबर हमला हुआ कहां से था। लेकिन सूत्रों की मानें तो ये हमला भारत से नहीं किया गया था। बल्कि ये हमला विदेश से किया गया है। भले ही हमले के बारे में अब तक ज्यादा जानकारी सामने नहीं आ पाई है लेकिन सवाल कई हैं जिनके जवाब मिलने अभी बाकी हैं। जिसमें से एक बड़ा सवाल ये है कि कैसे कोई सिक्योरिटी को इतनी आसानी से भेद गया और पुलिस-प्रशासन को ही चुनौती दे दी।