नोएडा की पुलिस पहुची हल्द्वानी -साइबर क्राइम का बड़ा खेल आया सामने, छात्र नेता करण अरोरा समेत 11 पर मुकदमा

ख़बर शेयर करें

हल्द्वानी skt. com।

हल्द्वानी शहर में एक बेकरी कर्मचारी के खाते में अचानक 1.20 करोड़ रुपये के संदेहास्पद लेन-देन ने पुलिस और साइबर क्राइम शाखा को चौंका दिया।

जांच आगे बढ़ी तो सामने आया कि यह कोई सामान्य मामला नहीं, बल्कि एक संगठित साइबर ठग गिरोह की करतूत है, जिसकी कमान एमबीपीजी कॉलेज के पूर्व छात्रसंघ उपसचिव करन अरोड़ा के हाथ में थी। करन इस पूरे नेटवर्क को अपने भाई प्रियांशु के साथ मिलकर दुबई से संचालित कर रहा था।


पुलिस के अनुसार, यह गिरोह भोले-भाले लोगों को झांसे में लेकर उनके नाम पर फर्जी चालू खाते खुलवाता और फिर उनमें धोखाधड़ी की रकम ट्रांसफर करता था।

इसी सिलसिले में बनभूलपुरा क्षेत्र की एक बेकरी में पिछले 15 वर्षों से कार्यरत रमेश चंद्र को भी शिकार बनाया गया। पहले उसे क्रिप्टोकरेंसी से बड़ा मुनाफा कमाने का सपना दिखाया गया और फिर करन अरोड़ा से मिलवाया गया। करन ने रमेश के नाम पर एक चालू खाता खुलवाया, जिसमें बाद में करोड़ों रुपये की संदिग्ध रकम आई।


जब नोएडा पुलिस ने एक साइबर फ्रॉड मामले की जांच के दौरान इस खाते को ट्रैक किया, तो हल्द्वानी पुलिस भी हरकत में आई। रमेश से पूछताछ में पूरे नेटवर्क की परतें खुलती चली गईं।

खुलासा हुआ कि यह गैंग न केवल उत्तराखंडउत्तराखंड बल्कि देश के अन्य हिस्सों में भी इसी तरह के जाली खातों के जरिये ठगी को अंजाम दे रहा था।

नोएडा पुलिस खातों से गायब धनराशि की जांच करते करते रमेशचंद्र के खाते तक पहुंची तो बनभूलपुरा थाना में पूरी कहानी सामने आ गई। पिछले दिनों घंटों तक चली पूछताछ में रमेश ने पूरी कहानी बताई। एक बड़े गिरोह का सच सामने आया। इस गिरोह का संचालन करने वाला करन अरोड़ा और दुबई में बैठे दो लोग इस गिरोह सबसे बड़े जालसाज निकले। उधर मुकदमा दर्ज करने के बाद बनभूलपुरा थाने की पुलिस अब करन अरोड़ा के साथ ही उसके भाई प्रियांश और उन सभी 12 लोगों की तलाश में जुट गई, जिन्होंने साइबर ठगों के लिए स्थानीय स्तर पर सबसे बड़े गिरोह को संचालित कर रखा है।

जिन 12 युवकों पर मुकदमा दर्ज हुआ है, वे गिरोह का संचालन करते हैं। विवेचना में यह भी देखा जा रहा है कि इन्होंने और कितने चालू खाता खुलवाए हैं। इन सबकी गिरफ्तारी के लिए टीम लग गई है। जल्द ही इन्हें गिरफ्तार कर पर्दाफाश किया जाएगा कि इन्होंने कितने अन्य लोगों को धोखे से अपने जाल में शामिल कर लिया। -नीरज भाकुनी, थाना प्रभारी बनभूलपुरा
मंगलपड़ाव सावित्री कॉलोनी निवासी रमेश चंद्र बनभूलपुरा के एमएस बेकर्स पर 15 साल से कर्मचारी थे। कुछ माह बेकरी मालिक साजिद निवासी लाइन नंबर 17 ने क्रिप्टोकरेंसी में काम करने का झांसा रमेश चंद्र को दिया। साजिद ने ही हल्द्वानी निवासी व एमबीपीजी कॉलेज के छात्रसंघ के पूर्व उपसचिव करन अरोड़ा से मिलवाया। करन का भाई प्रियांशु दुबई में क्रिप्टोकरेंसी के खेल का मास्टर माना जाता था। क्रिप्टोकरेंसी की आड़ में करन अरोड़ा, उसका भाई प्रियांशु, बेकरी मालिक साजिद, अनस, हसनान, कैफ, रमीज, सिकंदर हुसैन, यूसुफ, वाजिद, मोनिस और नितिन अटवाल मिलकर साइबर ठगी का बड़ा गिरोह चलाते हैं। पुलिस ने रमेश की तहरीर पर इन सभी के खिलाफ बीएनएस की धारा 318 (4) और 61 (2) के तहत मुकदमा दर्ज किया है।