रेशम से बनी माँ नंदा-सुनंदा की पोट्रेट पहुंची गवर्नर के हाथों में

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रेशम विभाग के लिए गौरव का क्षण

उप निदेशक (रेशम) कुमाऊँ मंडल हेम चन्द्र के मार्गदर्शन में एस. एच. जी. रेशम नई पहल स्वयं सहायता समूह हल्द्वानी से निर्मित विभिन्न सुन्दर आकर्षक उत्पाद बनाकर नित नये कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। 25 जून 2025 को जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्यौगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर के कुलपति महोदय डॉ मनमोहन सिंह चौहान के द्वारा उत्तराखण्ड के प्रथम नागरिक महामहिम राज्यपाल ले0जन0 रिटायर गुरुमीत सिंहको उक्त सगृह के द्वारा रेशम कोये से निर्मित भी नन्दा सुनन्दा भेंट की गयी।

उप निदेशक (रेशम) कुमाऊँ नैनीताल हेमचन्द्र ने इसे समूचे रेशम विभाग के लिए गर्व का क्षण बताया है।

उप निदेशक (रेशम) कुमाऊँ मण्डल, नैनीताल हेमचन्द्र ने बताया कि यह रेशम नई पहल स्वयं सहायता समूह हल्कानी गठन के शुरुआती कुछ माह में ही ₹ 8.00 लाख से अधिक के उत्पादों का कारोबार कर चुकी है।

विभिन्न संस्थानों एवं व्यक्तियों द्वारा उक्त समूह को निरन्तर आर्डर प्राप्त हो रहे हैं। उत्तराखण्ड को-ऑपरेटिव रेशम फैडरेशन, देहरादून द्वारा भी उका महिला समूह से लगभग ₹ 2.50 लाख में उत्पाद क्रय किये जा चुके हैं।

यह समूह उपभोक्ता की मांग एवम पसंद के अनुसार भी उत्पाद तैयार कर उपलब्ध कराने की सुविधा दे रहा है। उप निदेशक (रेशम) कुमाऊँ मण्डल, नैनीताल हेम बन्द्र के मार्गदर्शन में महिला समूह द्वारा रेशम कोये से अत्यधिक आकर्षक एवं मनमोहक उत्पाद बनाये जा रहे हैं जोकि समूचे भारतवर्ष में रेशम से निर्मित ऐसे पहले उत्पाद है।

राज्यपाल महोदय को भेंट की गयी मी नन्दा सुनन्दा रान रेशम नई पहल स्वयं सहायता समूह हल्द्वानी की अध्यक्षा श्रीमती किरन जोशी के द्वारा निर्मित की गयी है। श्रीमती किरन जोशी को सिल्क कोकून क्राफ्ट के क्षेत्र में निपुणता के लिए जाना जा रहा है। इस हेतु श्रीमती किरन जोशी को अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सिल्क कोकून क्राफ्ट के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्यों के लिए मा० काबीना मंत्री कृषि एवं कृषक कल्याण द्वारा भी सम्मानित किया जा चुका है।

सपने में आई माँ नंदा सुनंदा तो बनाई पोट्रेट: किरण

नई पहल एसएसजी महिला समूह की अध्यक्ष किरण जोशी ने बताया कि उनके सपनों में कई बार माँ नंदा सुनंदा आई। लोगो को बताया तो कुछ ने कहा आप कोई पोट्रेट भगवान की बनाओ तो हमने माँ नंदा सुनंदा की बनाई तो उसके बादलगातार उनके रोजगार को बढ़ावा मिला। अब गवर्नर महोदय के हाथों में यह पोट्रेट पहुँची तो बड़ा गर्व हुआ। पंतनगर यूनिवर्सिटी के कुलपति द्वारा यह पोट्रेट उनके समूह से खरीदी। उसके बाद उन्हें बड़ा गर्व हो रहा है कि माँ के सपने में आने से उनकी पोट्रेट बनाने की उन्हें इच्छा जागृत हुई।