शहीद जसवंत सिंह के साथी नायक बलवंत सिंह का हुआ निधन

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भारत-चीन 1962 के युद्ध को याद कर हर हिंदुस्तानी को शहीद जसवंत सिंह की याद आ जाती है। उन्होंने और उनके साथियों ने दुश्मन के दांत खट्टे कर दिए थे। भारत-चीन के बीच वर्ष 1962 में हुए रण के योद्धा महावीर चक्र विजेता शहीद जसवंत सिंह रावत के साथी रहे नायक बलवंत सिंह बिष्ट का निधन हो गया है। बलवंत सिंह बिष्ट ने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भी दुश्मनों के दांत खट्टे किए थे।

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महावीर चक्र विजेता शहीद जसवंत सिंह रावत के साथी रहे नायक बलवंत सिंह बिष्ट का शनिवार को निधान हो गया। बलवंत सिंह बिष्ट और राइफल मैन बाबा जसवंत सिंह एक ही सेक्शन में थे। युद्ध के मोर्चे पर भी दोनों एक साथ थे। 1962 के युद्ध में जसवंत सिंह शहीद हो गए। लेकिन नायक बलवंत सिंह को छह महीने तक युद्ध बंदी बनना पड़ा था।


चमोली के निवासी थे नायक बलवंत सिंह
नायक बलवंत सिंह बिष्ट मूल रूप से चमोली जिले के दूरस्थ गांव घेस निवासी थे। उन्होंने अपनी अंतिम सांस 86 साल की उम्र में देहरादून में ली। भारत-चीन युद्ध के बाद साल 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भी नायक बलवंत सिंह ने दुश्मनों के दांत खट्टे किए थे।
नायक बलवंत सिंह बिष्ट 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भाग लेने के बाद वर्ष 1969 में रिजर्व सेवानिवृत्त हो गए थे। लेकिन उनके शौर्य और पराक्रम के कारण भारतीय सेना ने उन्हें वर्ष 1971 में भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध होने पर फिर सेना में बुलाया गया।


सीएम धामी ने दी आवास पहुंचकर श्रद्धांजलि
सीएम धामी ने नायक बलवंत सिंह के पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। सीएम धामी ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति और शोक संतृप्त परिजनों को धैर्य प्रदान करने की कामना की।


इसके साथ ही सीएम ने कहा कि युद्ध में चीन और पाकिस्तानी सेना के दांत खट्टे करने वाले नायक बलवंत सिंह के साहस व वीरता को वह नमन करते हैं। उनकी बहादुरी को कभी भुलाया नहीं जाएगा।


सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण महरा, विधायक भूपाल राम टम्टा, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, प्रेमचंद अग्रवाल, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी, उमेश शर्मा काऊ, सूचना महानिदेशक बंशीधर भगत आदि ने उनके आकस्मिक निधन पर दुख जताया।