ब्रेकिंग-सीएम के निर्देश पर उनके ही पूर्व निजी सचिव के खिलाफ मुकदमा दर्ज

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पंजाब के भाजपा नेता ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के पूर्व निजी सचिव समेत सात लोगों पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। आरोप है कि पूर्व निजी सचिव ने उन्हें सरकारी टेंडर दिलाने और दवा सप्लाई का काम दिलाने का झांसा दिया था। इन सबके लिए 3.42 करोड़ रुपये से ज्यादा ठग लिए। इसमें पटियाला के कई भाजपा नेता शिकार हुए हैं। पीड़ित की शिकायत पर सातों आरोपियों के खिलाफ शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है।

एसपी सिटी सरिता डोबाल ने बताया कि ठगी पटियाला जिले के भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष संजीव कुमार और उनके साथियों के साथ हुई है। संजीव ने बताया, उनकी मुलाकात पिछले साल मुख्यमंत्री कार्यालय में उनके निजी सचिव प्रकाश चंद उपाध्याय से हुई थी। उपाध्याय से उनकी दोस्ती हो गई। इस बीच उपाध्याय ने संजीव से कहा, वह उन्हें कई तरह के सरकारी काम दिला सकते हैं।

इसके लिए अन्य साथियों की तलाश करनी होगी। संजीव ने उनकी बात पर विश्वास कर अपने कारोबारी दोस्तों से संपर्क किया। उनकी कुछ दवा सप्लाई और निर्माण संबंधी फर्म थीं। इसके बाद उपाध्याय ने उनसे विभिन्न कामों के लिए अलग-अलग तिथियों में 3.42 करोड़ रुपये ले लिए। यह रकम कभी उन्होंने सचिवालय के पास ली तो कभी विधानसभा के पास। इसके बाद भी कई बार मुलाकात विधानसभा और सचिवालय में होती रही।उपाध्याय से वह जब भी मिलते, उनके हाथ में इन कामों से संबंधित फाइलें होती थीं। उन्हें झांसा दिया जाता था कि इन फाइलों पर कुछ हस्ताक्षर की जरूरत है और आपका काम हो जाएगा। इस पर विश्वास करते हुए वह पैसे देते चले गए। लेकिन, काम कुछ नहीं हुआ। जब उन्होंने अपने पैसे वापस मांगे तो इस साल मार्च में देने का वादा किया गया। लेकिन, मार्च में उन्होंने बात टाल दी। एसपी सिटी ने बताया, उपाध्याय के साथ उनके साथी सौरभ शर्मा उर्फ सौरभ वत्स निवासी पाम सिटी, उसकी पत्नी नंदिनी, महेश माहरिया, रौनक महारिया, अमित लांबा और शाहरुख खान भी थे। सभी के खिलाफ मुकदमा दर्जही है।


पिछले दिनों उपाध्याय ने संजीव और उनके साथियों को घर बुलाया। यहां उन्हें 30 लाख रुपये का चेक दिया जो उनके नौकर शाहरुख के नाम का था। इस चेक को उन्होंने बैंक में जमा किया लेकिन वह बाउंस हो गया।उपाध्याय ने पीड़ितों के साथ एक और चालबाजी की। जिस दिन उन्हें चेक देने के लिए घर बुलाया, उसी दिन उन पर मारपीट और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगा दिया। पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया। इसके बाद पीड़ितों ने पूरा मामला मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को बताया। मुख्यमंत्री ने एसएसपी को कारवाई के निर्देश दिए थे।