भारी बारिश का उत्तराखंड में मौसम विभाग ने जारी किया रेड अलर्ट

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: एक तरफ उत्तराखंड में मानसून के विदा होने का समय शुरू हो गया है मगर जाते-जाते भी मॉनसून उत्तराखंड में तबाही मचाते हुए जा रहा है। जी हां, पूरी तरह जाने से पहले मानसून तेवर दिखा सकता है।

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परसों सात अक्टूबर को बहुत भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है। जबकि मौसम विभाग ने कुमाऊं मंडल के पर्वतीय जिले व गढ़वाल मंडल के पर्वतीय जिलों में प्रदेश में छह से आठ अक्टूबर तक भारी से बहुत भारी वर्षा का अलर्ट जारी किया है। सात अक्टूबर को बहुत भारी वर्षा को लेकर रेड अलर्ट है। इस दौरान नदी-नालों के उफान पर आने और पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन की चेतावनी दी गई है। साथ ही कुछ दिन लोगों को पर्वतारोहण न करने की सलाह दी गई है। 7 अक्टूबर को उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल के जनपदों और उससे लगे हुए गढ़वाल मंडल के जनपदों के कुछ स्थानों में भारी से बहुत भारी वर्षा होने के साथ-साथ कहीं अत्यंत भारी वर्षा होने की संभावना है। संवेदनशील इलाकों के कुछ स्थानों में भूस्खलन और चट्टान गिरने की खबरें आ सकती हैं। आगे जानिए किन किन जिलों के लोगों को सावधान रहना है।

बारिश की वजह से सड़कों में अवरोध हो सकता है। नदियों छोटी नदियों नालों में अति प्रवाह देखने को मिल सकता है। मैदानी और निचले इलाकों में जलभराव हो सकता है। इससे कच्चे और असुरक्षित मकानों में नुकसान हो सकता है। मौसम विभाग द्वारा अलर्ट किया गया है कि भूस्खलन संभावित इलाकों के लोग सतर्क रहें। पर्वतारोहण अभियानों को रोका जा सकता है और अभियान के सदस्यों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी जा सकती है। किसानों को सलाह दी जाती है कि जलजमाव से बचने के लिए खेत में उचित जल निकासी चैनल बनाएं। यात्रियों या लोगों को यात्रा से बचने की सलाह दी जाती है। कुमाऊं मंडल के 6 जिलों नैनीूताल, बागेश्वर, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, चंपावत और उधम सिंह नगर समेत गढ़वाल के चमोली रुद्रप्रयाग उत्तरकाशी जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। आगे पढ़िए


प्रदेश में मौसम कुछ दिन साफ रहने के बाद फिर करवट बदलने लगा है। मैदान से लेकर पहाड़ तक आसमान में बादलों ने धूप की जगह ले ली है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, बुधवार को प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में आंशिक बादल छाये रह सकते हैं। कहीं-कहीं गरज और तेज हवाओं के साथ मध्यम से तेज बौछार पड़ सकती हैं। इसके बाद छह से आठ अक्टूबर तक प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में भारी से बहुत भारी वर्षा होने का अनुमान है। खासकर कि कुमाऊं क्षेत्र में अत्यंत भारी वर्षा हो सकती है। और इस दौरान नदी-नालों का जलस्तर बढ़ सकता है और मैदानों में जलभराव होने की भी आशंका है।पर्वतीय क्षेत्रों में भी भूस्खलन हो सकता है