अफसरों को मिला मौसम का सहारा, कागजों में कम हुई वनाग्नि की घटनाएं

ख़बर शेयर करें




उत्तराखंड के जंगलों में धधक रही वनाग्नि कुछ हद तक शांत होने लगी है। जिम्मेदार अधिकारियों ने दावा किया है कि पिछले 24 घंटों में उत्तराखंड में वनाग्नि की कोई भी नई घटना नहीं हुई है। वनाग्नि की घटनाओं में पिछले दो दिन से लगातार कमी आ रही है।

Ad
Ad


कई हेक्टेयर जंगल आग की चपेट में आकर खाक
बता दें पिछले कई दिनों से उत्तराखंड में वनाग्नि ने तांडव मचाया हुआ था। कई हेक्टेयर जंगल आग की चपेट में आकर खाक हो गए थे। हालत इतने बेकाबू हो गए थे की वनाग्नि पर काबू पाने के लिए वायुसेना का सहारा लेना पड़ा। नौबत यहां तक आ गई थी की उत्तराखंड में क्लाउड सीडिंग की तैयारी पर विचार किया जा रहा था। लेकिन मौसम बदलने से राहत मिलती नजर आ रही है।

पिछले 24 घंटों में नहीं हुई वनाग्नि की नई घटना : CS
गुरुवार को गृह सचिव, भारत सरकार की अध्यक्षता में राज्य में वनाग्नि की घटनाओं की समीक्षा बैठक में उत्तराखंड की मुख्य सैक हिव ने जानकारी दी कि पिछले 24 घंटों में उत्तराखंड में वनाग्नि की कोई भी नई घटना नहीं हुई है। वनाग्नि की घटनाओं में पिछले दो दिन से लगातार कमी आ रही है। उन्होंने बताया प्रदेश में वनाग्नि से 0.1 प्रतिशत वन प्रभावित हुए हैं।

गलत आंकड़ों का किया दुष्प्रचार होगी कार्रवाई
सीएस राधा रतूड़ी ने कहा की इस संबंध में गलत आंकड़ों का दुष्प्रचार करने वालों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। पीसीसीएफ द्वारा वन विभाग के फील्ड स्टाफ के साथ वनाग्नि मॉनिटरिंग के लिए लगातार बैठकें कर सभी डिवीजनों की जरूरतों के संबंध में जानकारी ली जा रही है।

NDRF के सहयोग से पाया काबू : CS
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने बताया कि राज्य में सक्रिय वन पंचायतों, वनाग्नि प्रबन्धन समितियों, महिला मंगल दलों, युवा मंगल दलों को जागरूक करके गांवों के नजदीक वाले जंगल के इलाकों में वनाग्नि नियंत्रण में सफलता मिली है। उन्होंने बताया कि 28 अप्रैल से 1 मई तक एनडीआरएफ की 15वीं बटालियन ने नैनीताल फॉरेस्ट डिवीजन में वनाग्नि नियंत्रण में सहयोग किया।

जंगल में आग लगाने वाले 10 लोगों को किया गिरफ्तार
सीएस ने बताया आज यह बटालियन गढ़वाल फॉरेस्ट डिवीजन पहुंच रही है। भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर द्वारा 6 से 8 मई के बीच 44600 लीटर पानी का छिड़काव गढ़वाल फॉरेस्ट डिवीजन पौड़ी में किया गया। इस दौरान राज्य में 417 वन अपराध दर्ज किए गए। जिनमें 75 लोगों को नामजद किया गया। 10 व्यक्तियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है