रावत जी भले राम हो सकते हैं लेकिन मेरे जैसा साधारण गरीब हल्या का बेटा हनुमान नहीं हो सकता-किशोर

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देहरादून : पूर्व सीएम हरीश रावत और किशोर उपाध्याय का किसी जमाने में गहरा नाता था. दोनों एक दूसरे के बेहद करीब थे लेकिन समय ने ऐसा मोड़ लिया कि किशोर उपाध्याय ने कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया और वो टिहरी सेचुनवा जीत कर विधायक बन गए। कभी कांग्रेस में अपनी उपेक्षा का आरोप लगाने वाले किशोर उपाध्याय आज विधानसभा में बैठते हैं। उन्हें जीत हासिल हुई है।

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लेकिन अब एक बार फिर से टिहरी विधायक ने हरीश रावत के लिए कुछ ऐसा कहा है कि वो चर्चाओं में आ गए हैं. बता दें कि किशोर ने अपनी तुलना हनुमान जी से करने पर कड़ी आपत्ति की। किशोर ने राज्य में वनाधिकार लागू न होने के लिए रावत को भी जिम्मेदार ठहराया है। किशोर, मैंने आज ही रावत की एक सोशल मीडिया पर पोस्ट देखी। उसमें उन्होंने खुद को भगवान राम के रूप में चित्रित करते हुए मुझ नाचीज को एक समय अपने हनुमान के रूप में बताया है। रावत जी भले राम हो सकते हैं लेकिन मेरे जैसा साधारण गरीब हल्या का बेटा हनुमान नहीं हो सकता।


किशोर उपाध्याय ने तंज कसते हुए कहा कि हनुमान जी की कृपा से मैंने, धीरेंद्र प्रताप, पूर्ण सिंह डंगवाल और रणजीत रावत ने रावत की राजनीतिक इच्छाओं को अपना बलिदान देकर पूरा किया है। हरीश रावत को इसका ख्याल रखना चाहिए। वरना उस वक्त वो बसंत कुंज में अवसाद ग्रस्त बैठे थे। कहा कि कौन रावण है, इस समय मतदाता ने आइना दिखा दिया है। खुद को राम घोषित करना, हरीश रावत जैसे महान व्यक्ति को शोभा नहीं देता है और अगर आप भगवान राम हैं तो देवप्रयाग जाकर अपने पापों का मोचन अवश्य करिएगा।