rakhi 2024 : भद्राकाल में क्यों नहीं बांधी जाती राखी ?, कौन है भद्रा जानें यहां

Ad
Ad
ख़बर शेयर करें

भद्राकाल में क्यों नहीं बांधते राखी

भाई-बहन के प्रेम के प्रतीक पर्व का त्यौहार आज देशभर में धूमधाम से मनाया जा रहा है। श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को हर साल रक्षाबंधन मनाया जाता है। लेकिन इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा का साया है। जिस वजह से भद्राकाल के बाद ही बहनें अपने भाईयों को राखी बांध सकती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि क्यों भद्राकाल में राखी नहीं बांधी जाती ?

भद्राकाल में क्यों नहीं बांधी जाती राखी ?

हिंदू मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि रावण की बहन शूर्पणखा ने अपने भाई रावण को भद्रा काल में राखी बांध दी थी। जिस वजह से रावण के पूरे कुल का सर्वनाश हो गया। इसलिए भद्राकाल में राखी नहीं बांधनी चाहिए। बताया ये भी जाता है कि भद्रा में राखी बांधने से भाई की उम्र कम होती है।

रक्षाबंधन का पर्व भाई बहन के बीच प्रेम का प्रतीक है। इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं और भाई अपनी बहन की रक्षा का वचन लेते हैं। मान्यता है कि रक्षा सूत्र बांधने से भाइयों को सुख-समृद्धि और सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

कौन है भद्रा ?

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भद्रा सूर्य देव की पुत्री और शनिदेव की बहन हैं। शनि देव की तरह ही इनका स्वभाव भी क्रूर माना जाता है। वैसे तो भद्रा शब्द का अर्थ कल्याण करने वाली है। लेकिन इसके उलट भद्रा में शुभ काम करने की मनाही है। बता दें कि भद्रा राशि के अनुसार तीनों लोकों में भ्रमण करती है।

Bhadrakaal

रक्षाबंधन का त्यौहार आज (rakhi 2024)

भाई-बहन के प्रेम का पावन पर्व रक्षाबंधन का त्यौहार इस साल 19 अगस्त को मनाया जाएगा। रक्षाबंधन के दिन भद्रा सुबह पांच बजकर 53 मिनट से शुरू हो जाएगी। जो दोपहर एक बजकर 32 मिनट पर खत्म होगी। भद्राकाल के समाप्त होने के बाद भी राखी बांधी जा सकती है।

Bhadrakaal
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त

ये है राखी बांधने का शुभ मुहूर्त (raksha bandhan muhurat 2024)

राखी बांधने का शुभ मुहूर्त दोपहर एक बजकर 32 मिनट से लेकर चार बजकर 20 मिनट तक है। इसके बाद प्रदोष काल में शाम छह बजकर 56 मिनट से लेकर नौ बजकर 08 मिनट तक है। इन दोनों समयों में बहनें अपने भाईयों को राखी बांध सकती हैं।