निकाय चुनाव की हो रही तैयारियां लेकिन मतदाता सूची में ही हो गया झोल, जनप्रतिनिधियों का पारा हुआ हाई

ख़बर शेयर करें




उत्तराखंड में एक तरफ जहां निकाय चुनाव को लेकर तैयारियां शुरू हो गई है। वहीं दूसरी तरफ निर्वाचन आयोग के द्वारा निकाय चुनाव को लेकर जो वोटर लिस्ट जारी की गई है उसमें कई तरह की खामियां नजर आई हैं। जिसको लेकर जनप्रतिनिधियों का पारा चढ़ा हुआ है। तो वहीं कई लोगों की लापरवाही इसमें सामने आई है। जिसको लेकर अब पर कार्रवाई की मांग भी उठने लगी है।

Ad
Ad


निकाय चुनाव से पहले मतदाता सूची में हो गया झोल
उत्तराखंड में एक तरफ जहां निकाय चुनाव की तैयारियां तेज हो गई हैं तो वहीं निर्वाचन आयोग के द्वारा जो मतदाता सूची जारी की गई है उसमें कई गड़बड़ियां देखने को सामने आई हैं। जिसको लेकर स्थानीय स्तर पर जनप्रतिनिधियों में इसको लेकर आक्रोश भी देखने को मिल रहा है। कई लोगों के नाम मतदाता सूची में शामिल न होने से लोग परेशान भी नजर आ रहे हैं।

किसकी लापरवाही से छूटे मतदाताओं के नाम
निर्वाचन आयोग ने एक सप्ताह के भीतर शिविर लगाकर मतदाता सूची में सुधार करने के निर्देश जिला अधिकारियों को दिए हैं। लेकिन सवाल ये उठ रहा है कि आखिरकार किसकी लापरवाही से मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में आने से छूट गए। राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त चंद्रशेखर भट्ट का कहना है कि जिन बूथ लेवल ऑफिसर की जिम्मेदारी घर-घर जाकर मतदाता सूचित तैयार करने की होती है उनकी लापरवाही भी देखने को मिल रही है। वहीं ऐसे लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई की बात को लेकर निर्वाचन आयुक्त का कहना है कि पहले मतदान की प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाए उसके बाद कार्रवाई को देखा जाएगा।

कैबिनेट मंत्री के परिवार के नाम भी सूची से गायब
ऐसा नहीं है कि आम लोगों के नाम ही मतदाता सूची से गायब नजर आ रहे हैं। कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी के पूरे परिवार का नाम मतदाता सूची से गायब है। इसी को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने आम से खास लोगों के नाम मतदाता सूची में छूटने पर निर्वाचन आयोग से मांग भी की है कि जिन लोगों के नाम मतदाता सूची में छूट गए हैं उन्हें समय रहते शामिल करा लिया जाए।

मामले की होनी चाहिए जांच
मतदाता सूची में गड़बड़ी को लेकर धर्मपुर से भाजपा विधायक जो कि नगर निगम के पूर्व मेयर भी रह चुके हैं उनका कहना है कि कई जगहों पर बीएलओ ने तो अपना काम किया लेकिन जब बारी तैयार सूची को मतदाता सूची में जोड़ने की आई तो नामों को जोड़ा नहीं गया। इसलिए इसकी जांच की जानी चाहिए और ऐसे जिम्मेदार लोगों पर करवाई भी की जानी चाहिए।