पूजा खेडकर की ट्रेनिंग रद्द, अकादमी वापस बुलाया गया, दस्तावेजों की जांच में हुआ नया खुलासा

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UPSC में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नियुक्ति पाने के आरोप लगने के बाद विवादों में आईं ट्रेनी IAS पूजा खेडकर की ट्रेनिंग रद्द कर दी गई है। उन्हे मसूरी स्थित प्रशासनिक अकादमी में फिर से वापस बुला लिया गया है। वहीं दूसरी ओर पूजा खेडकर ने पुणे कलेक्टर के खिलाफ उत्पीड़न का मुकदमा करा दिया है।

ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर की ट्रेनिंग बीच में ही रोक दी गई है। इस संबंध में आदेश जारी हो गए हैं। पूजा को 23 जुलाई तक मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एडमिनिस्ट्रेशन एकेडमी में रिपोर्ट करने को कहा गया है। जांच पूरा होने तक वह यहीं रहेंगी।

पूजा ने कलेक्टर के खिलाफ दर्ज कराई शिकायत
उधर पूजा ने विवादों में आने के बाद पुणे के कलेक्टर के खिलाफ ही उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज करा दिया है। पूजा ने आरोप लगाया है कि पुणे के कलेक्टर सुहास दिवासे जांच के बहाने उनका उत्पीड़न कर रहें हैं। पूजा ने वासिम पुलिस स्टेशन में श‍िकायत भी दर्ज कराई है। दरअसल सोमवार को पूजा ने अपने घर पर पुलिसकर्मियों को बुलाया था। उस वक्त ये नहीं बताया गया कि आखिर पूजा के घर में पुलिस क्यों आई है। बाद में ये स्पष्ट हुआ कि पूजा ने अपनी शिकायत दर्ज कराने के लिए पुलिसकर्मियों को बुलाया था।

पूजा पर दस्तावेजों में छेड़छाड़ का आरोप
पूजा खेडकर को लेकर अब और खुलासे हुए हैं। पता चला है कि पूजा ने UPSC में अपने अटेम्प्ट बढ़ाने के लिए दस्तावेजों में अपने नाम और उम्र में बदलाव किया था। इस संबंध में सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (CAT) जांच कर रहा है। दावों के मुताबिक पूजा की तरफ से लगाए गए 2020 और 2023 के दो आवेदनों में पूजा के अलग-अलग नाम मिले हैं।

पूजा ने 2020 के आवेदन में अपना नाम ‘खेडकर पूजा दिलीपराव’ और उम्र 30 साल बताई थी। जबकि 2023 में CAT के आवेदन में उन्होंने अपना नाम ‘पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर’ और उम्र 31 साल दर्ज कराई। अब ऐसे में सवाल ये है कि आखिर तीन साल के अंतराल में उनकी उम्र सिर्फ एक ही साल कैसे बढ़ी।

दरअसल, UPSC में जनरल कैटेगरी के कैंडिडेट को 32 साल की उम्र तक 6 बार परीक्षा देने की अनुमति होती है। वहीं OBC कैटेगरी का अभ्यर्थी 35 साल तक 9 बार परीक्षा दे सकता है। सूत्रों के मुताबिक, पूजा ने कुल 11 बार सिविल सर्विसेज की परीक्षा दी है।

फर्जी दिव्यांगता सर्टिफिकेट लगाने का है आरोप
दरअसल पूजा खेडकर पर फर्जी प्रमाणपत्र जमा करने के सनसनीखेज आरोप लगे हैं। AAJ TAK की एक रिपोर्ट के मुताबिक पूजा ने आईएएस की परीक्षा के समय यूपीएसी में जो दिव्यांगता प्रमाण पत्र लगाया वो सवालों के घेरे में है। दरअसल पूजा को यूपीएससी में 821वीं रैंक मिली थी। उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग यानी यूपीएससी को दिए एक हलफनामे में बताया है कि वह मानसिक रूप से अक्षम हैं और उन्हें देखने में भी दिक्कत होती है।

मेडिकल के लिए छह बार मना किया
NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, पूजा ने मेडिकल टेस्ट देने से 6 बार मना किया था। मेडिकल टेस्ट देना जरूरी होता है। अपुष्ट रिपोर्ट्स बताती हैं कि पूजा का पहला मेडिकल टेस्ट दिल्ली AIIMS में अप्रैल 2022 में शेड्यूल हुआ था। उन्होंने कोविड पॉजिटिव होने का हवाला देकर इसमें शामिल होने से मना कर दिया था। यहां उनका एमआरआई होना था और कुछ और जांचें भी की जानी थीं।

बाद में उन्होंने एक एमआरआई रिपोर्ट यूपीएससी में सबमिट कर दी। उसी के आधार पर उन्हे दिव्यांग मान लिया गया। हालांकि ये साफ नहीं हुआ है कि जब पूजा ने मेडिकल में शामिल होने से मना कर दिया था तो फिर सेलेक्शन क्यों और कैसे हुआ?

इधर विवादों में घिरने के बाद मंगलवार को पूजा खेडकर ने कहा था कि उनका मीडिया ट्रायल न किया जाए। उन्होंने जांच पूरी होने तक खुद को दोषी मानने से भी इनकार कर दिया।