राजनैतिक हवा भांप कर रावत ने पश्चताप का खेला कार्ड
नानकमत्ता एसकेटी डॉटकॉम
हरीश रावत को अपना राजनीतिक बयान तराई के गुरुद्वारे में सेवा के लिए मजबूर कर गया जब राजनीति के चतुर खिलाड़ी हरीश रावत ने तराई की हवा को भाप कर वहां के गुरुद्वारे में सेवा कर अपने राजनीतिक बयान का पश्चाताप किया।
हरीश रावत समझते थे की उनका पंजाब का पंच प्यारे का बयान उत्तराखंड की तराई में उन्हें घेरने के लिए काफी होगा इससे पहले उन्होंने इसका तोड़ निकाल दिया उन्होंने नानकमत्ता की गुरुद्वारे में झाड़ू लगाई और श्रद्धालुओं के जूतों की सफाई की और अपने बयान को लेकर पश्चाताप किया उन्होंने भाजपा व अन्य विपक्षी पार्टियों को सवाल करने से पहले ही अपना पश्चाताप का यह दांव खेलकर बोलने से रोक दिया।
इससे पहले हरीश रावत परिवर्तन रैली के लिए खटीमा से हूकार भर चुके थे उन्होंने बड़े सवेरे ही फेसबुक पर एक क्विट कर भाजपा एवं प्रशासन को आश्चर्यचकित कर दिया कि उनकी इस परिवर्तन रैली में स्याही में तेजाब मिलाकर किसी भी नेता के ऊपर छिड़का जा सकता है अगर ऐसा हुआ तो प्रदेश के लिए यह ठीक नहीं होगा लेकिन इससे खुफिया तंत्र अलर्ट हो गया और किसी भी तरह का कोई भी ऐसी घटना नहीं घटी
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