इटावा में केदारनाथ की तर्ज पर बने ‘केदारेश्वर मंदिर’ को लेकर उत्तराखंड में बवाल, तीर्थ पुरोहितों में आक्रोश

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इटावा में केदारनाथ की तर्ज पर बने ‘केदारेश्वर मंदिर’ को लेकर उत्तराखंड में बवाल

सावन के पावन महीने में भगवान भोलेनाथ की जयकारों के बीच उत्तराखंड में एक नया विवाद जोर पकड़ रहा है। यह विवाद देश के बारवें ज्योतिर्लिंगों में से एक पवित्र केदारनाथ धाम से जुड़ा है।

क्या है मामला ?

दरअसल, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश के इटावा में केदारनाथ धाम की तर्ज पर एक भव्य शिव मंदिर का निर्माण कराया है, जिसे ‘केदारेश्वर धाम’ नाम दिया गया है। इस मंदिर का स्वरूप हूबहू केदारनाथ मंदिर से मेल खाता है, जिसे लेकर उत्तराखंड के तीर्थ पुरोहितों में आक्रोश है।

तीर्थ पुरोहितों ने लगाया केदारनाथ की छवि से छेड़छाड़ का आरोप

चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत के महासचिव बृजेश सती और केदारनाथ के तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी ने इस मामले में सख्त आपत्ति जताते हुए कहा कि यह महज एक मंदिर नहीं, बल्कि करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था और पहचान से जुड़ा मामला है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ धाम का धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व है, ऐसे में उसी स्वरूप में किसी और राज्य में मंदिर बनाना आस्था के साथ खिलवाड़ है।

तीर्थ पुरोहितों ने दी चेतावनी

तीर्थ पुरोहितों ने समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और उत्तराखंड सरकार को पत्र लिखकर अपना विरोध दर्ज कराया है। साथ ही चेतावनी भी दी है कि यदि इस मामले में कोई स्पष्ट कार्रवाई नहीं हुई तो वे अखिलेश यादव के आवास पर धरना प्रदर्शन करेंगे। विवाद के बाद अब यह मामला सियासी रंग भी ले चुका है।

मामले पर सियासत तेज

मामले को लेकर उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब दिल्ली के बुराड़ी में ऐसा ही मंदिर बन रहा था तो सरकार ने उसे बंद करवा दिया और इसे लेकर कानून बनाने की बात की, लेकिन इटावा मामले में सरकार चुप क्यों है? उन्होंने बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (BKTC) की भी आलोचना की कि वह इस मुद्दे पर मौन क्यों है।

मामले को लेकर उत्तराखंड के पर्यटन और धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज का बयान भी सामने आया है। महाराज ने तीर्थ पुरोहितों की नाराजगी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस पूरे मामले की जांच करवाई जाएगी और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

55 करोड़ की लागत से बना है केदारेश्वर मंदिर

बता दें केदारेश्वर मंदिर इटावा के ग्वालियर हाईवे पर स्थित है। यह मंदिर 2 एकड़ में फैला है। इसकी लागत 55 करोड़ रुपए है। मंदिर का भूमिपूजन 2020 में अखिलेश यादव ने किया था। बता दें केदारेश्वर मंदिर की आकृति केदारनाथ मंदिर जैसी ही है। यह मंदिर 72 फीट ऊंचाई और 7 फीट की शालिग्राम शिला पर स्थापित है। इस मंदिर का निर्माण मदुरै और कन्याकुमारी के शिल्पकारों द्वारा किया गया है। शिल्पकारों ने तिरुवल्लुवर की प्रतिमा भी बनाई थी।

इटावा में केदारनाथ की तर्ज पर बने ‘केदारेश्वर मंदिर’ को लेकर उत्तराखंड में बवाल, तीर्थ पुरोहितों में आक्रोश
 केदारेश्वर मंदिर

उत्तराखंड में पहले भी हुआ था इस तरह का विवाद

बता दें यह पहला मौका नहीं है जब केदारनाथ मंदिर की तर्ज पर मंदिर निर्माण को लेकर विवाद हुआ हो। कुछ महीने पहले दिल्ली के बुराड़ी इलाके में केदारनाथ जैसा मंदिर बन रहा था, लेकिन तीर्थ पुरोहितों के विरोध के बाद वह निर्माण कार्य रोक दिया गया। इसके बाद उत्तराखंड की धामी सरकार ने कैबिनेट में प्रस्ताव पारित कर कहा था कि भविष्य में चारधाम जैसे मंदिरों की नकल पर रोक के लिए सख्त कानून लाया जाएगा