अतिथि शिक्षकों में आक्रोश, सामूहिक इस्तीफे की दी चेतावनी, यहां जानें वजह
प्रदेश में एलटी कैडर शिक्षकों की सालाना ट्रांसफर प्रक्रिया से हजारों अतिथि शिक्षकों की नौकरी पर संकट मंडरा रहा है. स्थाई शिक्षकों की तैनाती होने से अतिथि शिक्षकों को स्कूल से हटना पड़ेगा. जिसे लेकर अतिथि शिक्षकों ने आर पार की लड़ाई का मन बना लिया है.
बीते शनिवार को पिछले नौ साल से असुरक्षा के माहौल से जूझ रहे अतिथि शिक्षकों ने कहा कि यदि नौकरी की सुरक्षा के लिए कोई ठोस नीति और मानदेय बढोतरी नहीं होती तो सभी अतिथि शिक्षक सामूहिक रूप से अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री धामी समेत शिक्षा मंत्री को सौंप देंगे. संघ के कार्यकारी अध्यक्ष ने शिक्षा विभाग पर लगातार उनकी उपेक्षा करने का आरोप लगाया है.
शिक्षकों ने दी सामूहिक इस्तीफा देने की चेतावनी
अतिथि शिक्षकों का कहना है कि शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत को कई बार इससे अवगत भी कराया गया है. जिस पर उन्होंने मानदेय बढ़ाने का आश्वासन भी दिया है. लेकिन अफसरों के स्तर पर कार्यवाही अटकी हुई है. अध्यक्ष ने कहा यदि जल्द अतिथि शिक्षकों के हित में निर्णय नहीं होता है तो वो सभी अतिथि शिक्षक सामूहिक रूप से अपना इस्तीफा दे देंगे.
शिक्षा मंत्री के निर्देश के अनुसार जारी है कार्यवाही : DG
मामले को लेकर शिक्षा विभाग के डीजी बंशीधर तिवारी का कहना है कि अतिथि शिक्षकों की मांगों पर सरकार गंभीर है। स्थायी शिक्षक की नियुक्ति अथवा तबादला होने पर हटने वाले अतिथि शिक्षकों को निकटवर्ती स्कूल में समायोजित करने का प्रावधान है। इसके अलावा मानदेय बढ़ोतरी पर शिक्षा मंत्री के निर्देश के अनुसार कार्यवाही जारी है।
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