ओमी क्रोन -बूस्टर डोज़ की मांग- 40 प्लस के लोंगो को लगाने का प्रस्ताव ,सरकार की क्या है मंशा जानें पढ़े खबर

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एसकेटी डॉटकॉम दिल्ली

1 दर्जन से अधिक देशों में अपना पांव पसार चुका ओमी क्रोन कौकॉविड अब पूरे विश्व के लिए चुनौती बनता जा रहा है कई देशों में एजेंट से निपटने के लिए बूस्टर डोज लगाए जाने लगे हैं। माना यह जा रहा है कि ओमी कौन वैरीअंट डेल्टा वैरीअंट से 5 गुना ज्यादा शक्तिशाली है यह बिना किसी लक्ष्मण के शरीर में घुसकर सीधे श्वसन प्रणाली पर अटैक कर रहा है। इससे चिंतित होकर विश्व के अनेक देशों ने बूस्टर डोज की सिफारिश की है। भारत में भी ओमी क्रोन के हजारों मामले सामने आ चुके हैं।

जिनमें से कई लोगों की जाने भी जा चुकी है। भारत में भी बूस्टर डोज लगाए जाने का प्रस्ताव आया है तथा इसके लिए विशेष रुप से बूस्टर डोज लगाए जाने के लिए गहन विचार विमर्श किया जा रहा है। इंडियन सार्स कोविड-2 जेनेटिक कॉन्सोरिम( INSACOG) के वैज्ञानिकों ने 40 वर्ष से ऊपर के लोगों को बूस्टर डोज लगाए जाने का प्रस्ताव दिया है यह माना जा रहा है कि जिन लोगों को दूसरी दोष लगने के 6 महीने से अधिक का समय हो चुका है उनमें इम्यूनिटी कम होने की संभावना बढ़ जाती है। जिसस कोई भी कोरना का संक्रमण अटैक कर सकता है। इसीलिए बूस्टर डोज की आवश्यकता पर बल दिया गया है तथा यह दोष उन्हीं लोगों को लगाई जाए जिन्हें सबसे अधिक खतरा हो सकता है।

INSACOG कोरना वैरीयस के बढ़ते हुए असर को देखने के लिए बनाई गई देश की ल लैब की टॉप बॉडी है पटना मेडिकल कॉलेज के वायरोलॉजी डिपार्टमेंट के पूर्व एच ओ डी डॉक्टर सत्येंद्र सिंह ने कहा है कि जिन लोगों को डेल्टा वैरीअंट के बाद दूसरी डोज लगी है। 6 से 9 महीने के बाद उनके शरीर में बनी एंटीबॉडी कमजोर होने लगती है जिसकी वजह से एंटी इनफ्लुएंजा की दूसरी दोष लगाई जाती है पुरुष इसीलिए कोरना की बूस्टर डोज लगाए जाने की आवश्यकता है ताकि कमजोर हो चुकी एंटीबॉडी को दोबारा से बूस्टर किया जा सके।

कोरना से निबटने के लिए बनी कोविड- टास्क फोर्स कमेटी के चेयरमैन डॉक्टर एनके अरोड़ा ने बताया कि कमजोर इम्यूनिटी वाले और गंभीर रोगियों के लिए सरकार अतिरिक्त बूस्टर डोज की पॉलिसी तैयार कर रही है इसके लिए अगले दो हफ्तों में कारवाही शुरू कर दी जाएगी तथा इसके अलावा देश के 18 साल से कम उम्र के 44 करोड़ बच्चों के लिए भी कोरना संक्रमण से बचने के लिए टीका लगाने की पॉलिसी ला रही है।