ओमिकोर्न की दहशत के बीच डब्ल्यूएचओ ने भारत के लिये दी यह खुशखबरी!

ख़बर शेयर करें

लंदन

Ad
Ad

डेल्टा के बाद कोना के नए वेरिएंट ओमी क्रोन की दहशत ने पूरे विश्व में हाहाकार मचाना शुरू कर दिया है बताया जा कर रहा है कि यह वेरिएंट पहले की वैरीअंट डेल्टा से ज्यादा खतरनाक है तथा कई गुना मारक संता के साथ बिना किसी आहट के लोगों को अपना अपना शिकार बना रहा है।

लेकिन इसी बीच डब्ल्यूएचओ ने एक खुशखबरी दी है उन्होंने कहा है कि साथ वैक्सीन जिसमें भारत कोविशिल्ड भी शामिल है इस वैरीअंट के खतरे को 75 से 90 परसेंट तक खत्म करने में सक्षम हो रही है। जिन सात व्यक्तियों पर यह शोध किया गया है उनमें भारत की को वी शिल्ड भी शामिल है।

दुनियाभर में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस के ओमीक्रोन वेरिएंट के खतरे के बीच ब्रिटेन में हुए एक ताजा शोध में भारत समेत पूरी दुनिया के लिए खुशखबरी सामने आई है। दुनियाभर में इस्‍तेमाल की जा रही 7 वैक्‍सीन की बूस्‍टर डोज ने वैक्‍सीन लगवाने वाले लोगों में जोरदार रोग प्रतिरोधक क्षमता पैदा की है। इन 7 वैक्‍सीन में भारत में बड़े पैमाने पर इस्‍तेमाल हो रही कोविशील्‍ड भी शामिल है जिसे ऑक्‍सफर्ड-एस्ट्राजेनेका ने बनाया है।

यह शोध उन लोगों पर किया गया है जिन्‍होंने या तो कोविशील्‍ड वैक्‍सीन लगवाया है या फाइजर की डोज। पहली बार अध्‍ययन किया गया जिसमें वैक्‍सीन की दो डोज देने के बाद तीसरी डोज दी गई। इससे पहले हुए शोध में यह पता चला था कि कोविशील्‍ड और फाइजर की दो डोज देने पर 6 महीने बाद भी अस्‍पताल में भर्ती कराए जाने और मौतों के खिलाफ क्रमश: 79 और 90 की प्रतिशत सुरक्षा मिली।

 इसी व जह से वैक्‍सीन के निर्माता ऐसे लोगों को तीसरे बूस्‍टर डोज देने की बात कर रहे हैं जिन्‍हें खतरा ज्‍यादा है। हालांकि अभी तीसरे डोज से कितनी सुरक्षा मिल रही है, इस पर बहुत ज्‍यादा शोध नहीं हुआ है। लैंसेट में गुरुवार को छपे शोध में कहा गया है कि ऑक्‍सफर्ड, फाइजर, नोवावैक्‍स, जॉनसन एंड जॉनसन, मॉडर्ना, वलनेवा और क्‍योरवैक की कोरोना वैक्‍सीन इस अध्‍ययन में शामिल हैं।

दो डोज लगवाने वाले लोगों में 10 से 12 सप्‍ताह के बाद सभी 7 वैक्‍सीन ने बूस्‍टर डोज देने पर इम्‍यूनिटी को बढ़ा दिया। इस शोध में जिन मरीजों को कोविशील्‍ड वैक्‍सीन दी गई थी, उनके अंदर बूस्‍टर डोज के 28 दिन बाद स्‍पाइक प्रोटीन की मात्रा को 1.8 से 32.3 गुना बढ़ा दिया। शोधकर्ताओं ने कहा कि आने वाले एक साल तक यह देखा जाएगा कि क्‍या बूस्‍टर डोज का असर बना हुआ है या नहीं