अब इस कारण देवभूमि की पिच पर सब हरदा करेंगे खुलकर बैटिंग
हल्द्वानी एसकेटी डॉटकॉम
कांग्रेस के राष्ट्रीय महामंत्री एवं उत्तराखंड चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत अब उत्तराखंड के सियासी पिच पर खुलकर खेलने के मूड में आ गए हैं। पंजाब प्रभारी के तौर पर हाईकमान द्वारा उन्हें पदभार से मुक्त करने के निर्णय के बाद उनकी अब दिल्ली चंडीगढ़ की भागम भाग खत्म हो जाएगी ।
उत्तराखंड में भी खासे सक्रिय रहने वाले हरीश रावत पंजाब में अपना टास्क किस तरह से करवाएं यह अब चर्चा का विषय नहीं है आप तो इस बात पर चर्चा हो रही है कि वह किस ढंग से उत्तराखंड में बैटिंग करेंगे उन्होंने 2 महीने पहले एक बयान दिया था जिसमें उन्होंने कहा कि वह उत्तराखंड में अब ज्यादा समय देना चाहते हैं इसलिए भी वह पंजाब के प्रभार से मुक्त होना चाहते हैं। हाईकमान ने राजस्थान के मंत्री हरीश चौधरी को पंजाब प्रांत का प्रभारी बनाने का निर्णय ले लिया है कुछ ही दिनों में इस पर औपचारिक मुहर भी लग जाएगी। हरीश रावत परिवर्तन यात्रा के दौरान पूरी तरह से अपना राजनैतक कौशल का प्रयोग नहीं कर पाए थे इस दौरान वह पंजाब के कल कलह को दूर करने के लिए पूरा ध्यान लगाए हुए थे और उन्हें बीच में भी चंडीगढ़ भागना पड़ा था। अब सवाल यह है कि हरीश रावत उत्तराखंड में किस ढंग से अंदरूनी झगड़ा और भाजपा के साथ राजनीतिक लड़ाई को निबटाते हैं।
विपक्षी पार्टी भाजपा के अलावा उन्हें अपनी पार्टी के कई धुरंधरों को भी सही लाइन में लाना है जिससे कांग्रेस सत्ता में वापस आ सके। नेता प्रतिपक्ष समेत कई ऐसे नेता हैं जिन्होंने एक गुट बनाकर प्रदेश अध्यक्ष और हरीश रावत की घोषणाओं की हवा निकाल रखी है। चेहरे की बात को लेकर प्रीतम सिंह बार-बार यह कहते आए कि क्या उनका चेहरा अच्छा नहीं है वह तो केंद्रीय नेताओं के चेहरे पर विश्वास करते हैं। उसके अलावा प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल कि कई बातों की जिसमें 37 टिकट फाइनल होने की बात भी शामिल है तो हवा निकाल रखी है। हरीश रावत यह जानते हैं की किस तरह से इन सभी मामलों को निपटाना है वह राजनीति के काफी बड़े चतुर खिलाड़ी माने जाते हैं जिसकी वजह से उन्हें कई प्रदेशों का प्रभार भी मिला ।
हाईकमान की इशारे के बाद अब संभवत कुछ ही दिनों में उन्हें प्रदेश कांग्रेस का चेहरा घोषित किया जा सकता है जिसस कांग्रेस भाजपा को कटघरे में खड़ा कर करके पूछेगी कि वह किस चेहरे पर चुनाव मैदान में उतर रही है माना यह जा रहा है कि हरीश रावत के पंजाब प्रभारी के पद से मुक्त होने के बाद अब उत्तराखंड में वह तेजी से मिशन 22 के अभियान को आगे बढ़ाएंगे
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