जमीन कब्जाने के मामले में पूर्व कैबिनेट मंत्री को नोटिस जारी, हुआ बड़ा खुलासा

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देहरादून में चाय बागान की जमीन कब्जाने के मामले में एक बड़ी कार्रवाई हुई है। इस मामले में उत्तराखंड के पूर्व कैबिनेट मंत्री और बीजेपी विधायक बिशन सिंह चुफाल को नोटिस जारी हो गई है।

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मिली जानकारी के अनुसार देहरादून की जिला अपर कलक्टर की अदालत ने चाय बागान की जमीन कब्जा करने के मामले में पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक विशन सिंह चुफाल के खिलाफ नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।

इसके अलावा अदालत ने लगभग एक दर्जन अतिक्रमणकारियों को भी नोटिस जारी कर दिये हैं। अदालत ने सभी अतिक्रमणकारियों को 24 जून को अदालत में तलब किया है।

निर्माण कार्य रोके जाएं
अदालत ने साथ ही संबंधित क्षेत्र के तहसीलदार सदर और नेहरू कालोनी और रायपुर थानाध्यक्ष को आदेश दिए हैं कि विवादित जमीन पर चल रहे सभी निर्माण कार्यों को रोक दिया जाए।

आरोप हैं कि गांव रायपुर स्थित चाय बागान की सीलिंग की जमीन भूमि खाता संख्या 142, नंबर 4305 रकबा 0.8830 हेक्टेयर की खरीद अवैध तरीके से की गयी है। अदालत ने इसके अलावा विनोद कुमार, इला खंडूड़ी, सरोज बिष्ट, मोनिका चौधरी, संजय गुलेरिया, आभा, राजा डोबरा, शांति नेगी, सविता, रमेश भट्ट को भी नोटिस भेजे गये हैं।

ऐसे हुआ खुलासा
गौरतलब है कि आरटीआई एक्टिविस्ट एडवोकेट विकेश नेगी ने चाय बागान की सीलिंग की जमीन को खुर्द-बुर्द करने का मामला उजागर किया था। एडवोकेट विकेश के अनुसार रायपुर, रायचकपुर, नत्थनपुर और लाडपुर इलाके में चाय बागान की सीलिंग की जमीन की खरीद-फरोख्त की जा रही है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 10 अक्टूबर 1975 को आदेश दिया था कि चाय बागान की सीलिंग की जमीन की खरीद-फरोख्त नहीं की जा सकती। यदि ऐसा होता है तो यह जमीन स्वतः सरकार के स्वामित्व की होगी।

इसके बावजूद विशन सिंह चुफाल ने उक्त जमीन को खरीदा है। अपर जिलाधिकारी ने अब इस संबंध में उन्हें और एक दर्जन अन्य अतिक्रमणकारियों को दस्तावेज समेत 24 जून को अदालत में तलब किया है।

अधिकारियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में
इस पूरे मामले में अदालत की सक्रियता के बाद अब अधिकारियों की कार्यप्रणाली भी सवालों के घेरे में हैं। माना जा रहा है कि बिशन सिंह चुफाल ने जहां एक ओर अपने सियासी रौब का प्रयोग कर अवैध रूप से जमीन खरीद फऱोख्त की वहीं अधिकारियों ने इसपर आंख मूंद कर रखी। ऐसे में इन अधिकारियों की भूमिका की भी जांच हो सकती है।